केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैश्विक नवाचार साझेदारी (GIP) की शुरुआत करने के लिये भारत और यूनाइटेड किंगडम के मध्य समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के संबंध में पूर्वव्यापी प्रभाव (Ex-post facto) से अनुमति प्रदान की है।
जी.आई.पी. के अंतर्गत भारतीय उद्यमियों एवं अन्वेषकों को बुनियादी वित्तपोषण (Seed funding), अनुदान, निवेश तथा तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
इससे भारत के अन्वेषकों को अन्य देशों में अपने नवाचार का विकास करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे देश में नए बाज़ार विकसित होंगे और नवाचारी परिवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह समझौता नवाचार से संबंधित सतत् विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे लाभार्थी देश अपने-अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
जी.आई.पी. से मुक्त एवं समावेशी ई-बाज़ार विकसित होगा, जिससे बाज़ारों के मध्य नवाचार का अंतरण होगा। इससे नवाचार की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों का निरंतर आकलन करने में मदद मिलेगी तथा पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी।