नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार के आरा ज़िले से ग्राम उजाला कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। कार्यक्रम के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को घर में लगे सामान्य बल्बों के बदले मात्र 10 रुपए में एल.ई.डी. बल्ब (प्रति घर अधिकतम 5 बल्ब) दिये जाएंगे। इस कार्यक्रम के पहले चरण में आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गाँवों में 1.5 करोड़ एल.ई.डी. बल्ब वितरित किये जाएंगे।
इस कार्यक्रम का जलवायु परिवर्तन से संबंधित भारत के प्रयासों पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रतिवर्ष 202.5 करोड़ यूनिट (किलोवाट प्रति घंटा) विद्युत की बचत होगी, जबकि प्रतिवर्ष 16.5 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी भी आएगी।
ग्राम उजाला कार्यक्रम को पूर्णतः ‘कार्बन क्रेडिट’ के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा, भारत में इस तरह का यह पहला कार्यक्रम होगा।
कार्बन क्रेडिट वास्तव में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन नियन्त्रण का एक प्रयास है। इसके अनुसार, यदि कोई देश निर्धारित स्तर से नीचे कार्बन उत्सर्जन कर रहा है, तो उस निर्धारित स्तर और देश द्वारा उत्सर्जित कार्बन के बीच का अंतर उस देश का कार्बन क्रेडिट कहलाता है। ध्यातव्य है कि क्योटो प्रोटोकॉल (वर्ष 1997) में सर्वप्रथम कार्बन क्रेडिट की बात की गई थी।