हवाना सिंड्रोम एक रहस्यमय बीमारी है, जिसके लक्षण पहली बार वर्ष 2016 में क्यूबा के हवाना अमेरिकी दूतावास के राजनयिकों में देखे गए थे। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ की रिपोर्ट के अनुसार इसका प्रमुख कारण स्पंदित रेडियो फ्रीक्वेंसी ऊर्जा या निर्देशित माइक्रोवेव विकिरण को माना गया है।
इसके लक्षणों में सिरदर्द, स्मृति हानि, ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता, नेत्रों में शिथिलता, कान दर्द, टिनिटस तथा मस्तिष्क संबंधी विकारों जैसी ‘मनोवैज्ञानिक लक्षणों’ की एक श्रृंखला शामिल है।
हाल ही के कुछ अध्ययनों के अनुसार हवाना सिंड्रोम को मनोवैज्ञानिक बीमारी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे प्रभावित होने वाले राजनयिक वास्तव में शीतयुद्ध के प्रतिभागी थे, जो क्यूबा में निरंतर निगरानी में रह रहे थे। किसी दूसरे देश में युद्धाघात की संभावना के साथ-साथ जीवन की अनिश्चितता के डर एवं तनाव को इन मनोवैज्ञानिक लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण माना जा सकता है।
हवाना सिंड्रोम के रोगियों के उपचार हेतु कोई विशिष्ट पद्धति उपलब्ध नहीं है। यद्यपि इसके लक्षणों को कम करने तथा रोगियों में संतुलन व संज्ञानात्मक सुधार के लिये कुछ गहन चिकित्सा कार्यक्रमों जैसे तंत्रिका संबंधी व्यायाम, संज्ञानात्मक व्यायाम, मस्तिष्क-प्रशिक्षण अभ्यास तथा स्नायुपेशी पुनर्शिक्षण अभ्यास प्रभावी हो सकते हैं।