महाराष्ट्र सरकार, राज्य के कारावासों के ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए 26 जनवरी को कारावास पर्यटन पहल शुरू करेगी। इस पहल का पहला चरण पुणे स्थित 150 वर्ष प्राचीन यरवदा जेल से प्रारंभ होगा।
कई स्वतंत्रता सेनानियों को यरवदा जेल में कैद किये जाने के कारण इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का दूसरा चरण नागपुर, ठाणे और रत्नागिरी जेलों में शुरू होगा।
महाराष्ट्र में विभिन्न जेलों का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक विशिष्ट महत्त्व है। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया था, को यरवदा जेल में कैद किया गया था।
अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुआ समझौता, जिसे ‘पूना पैक्ट’ के नाम से जाना जाता है, यरवदा सेंट्रल जेल में संपन्न हुआ था। महान क्रांतिकारी व स्वतंत्रता सेनानी चापेकर बंधुओं ने भी इसी कारावास में देश की आज़ादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस पहल के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी राज्य के जेल विभाग को सौंपी गई है।