भारत सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने तथा ‘सहकार से समृद्धि’ दृष्टिकोण को साकार करने के लिये एक अलग 'सहकारिता मंत्रालय' का गठन किया है। इसे एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
यह मंत्रालय सहकारी समितियों को मज़बूती प्रदान करने के लिये प्रशासनिक, विधिक एवं नीतिगत ढाँचा उपलब्ध कराएगा। यह सहकारी समितियों को सच्चे जन आधारित आंदोलन के रूप में ज़मीनी स्तर तक पहुँचने में मदद करेगा।
मंत्रालय सहकारी समितियों के लिये व्यवसाय में सुगमता प्रक्रियाओं को आसान बनाने तथा बहु-राज्य सहकारी समितियों के विकास को सक्षम करने के लिये कार्य करेगा। इससे केंद्र सरकार की समुदाय आधारित विकासात्मक साझेदारी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है।
सहकारिता के लिये अलग मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा को भी पूरा करता है। भारत में, जहाँ प्रत्येक नागरिक उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करता है, सहकारी आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है ।