स्मारक मित्र योजना के तहत सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रणाधीन लगभग 1,000 स्मारकों को उनके रखरखाव के लिये निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय लिया है। इसके तहत आजादी का अमृत महोत्सव के अंत तक 500 से अधिक स्थलों को सौंपने का लक्ष्य रखा गया है।
इसका उद्देश्य निजी व सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों तथा व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से विरासत, प्राकृतिक एवं पर्यटक स्थलों में सुख-सुविधाओं की गुणवत्ता के लिये समावेशी प्रावधान सुनिश्चित करना है। इन स्मारकों को कॉर्पोरेट संस्थाएँ अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के भाग के रूप में लेंगी।
इन संगठनों को उनके सहयोग के लिये ‘स्मारक मित्र’ के रूप में जाना जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत स्मारकों के संबंध में संस्कृति मंत्रालय इसके नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य करेगा। यह योजना पर्यटन मंत्रालय के तहत शुरू की गई थी। हाल ही में इसे संस्कृति मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।