सीबर्ड परियोजना भारत की सबसे बड़ी नौसैन्य बुनियादी ढाँचा परियोजना है। इसके तहत देश के पश्चिमी तट पर कारवार में एक नौसैनिक अड्डे का निर्माण किया जा रहा है। विदित है कि आई.एन.एस. कदंब कर्नाटक में कारवार के समीप अवस्थित एक भारतीय नौसैन्य अड्डा है।
इस नौसैन्य अड्डे के पहले चरण का निर्माण कार्य वर्ष 2005 में पूरा किया गया था। वर्तमान में आई.एन.एस. कदंब भारत का तीसरा सबसे बड़ा नौसैन्य अड्डा है। विस्तार चरण पूरा होने के बाद पूर्वी गोलार्द्ध में इसके सबसे बड़ा नौसैन्य अड्डा बनने की उम्मीद है।
वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना को शिपिंग लेन में वाणिज्यिक यातायात जहाज़ों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं तथा पर्यटकों से होने वाली भीड़ के कारण मुंबई हार्बर में अवस्थित अपने पश्चिमी बेड़े पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
पूरा होने पर यह भारतीय नौसेना का पश्चिमी तट पर अवस्थित सबसे बड़ा तथा स्वेज़ नहर के पूर्व में सबसे बड़ा नौसैन्य अड्डा बन जाएगा। ध्यातव्य है कि भारतीय नौसेना का एकमात्र विमानवाहक पोत आई.एन.एस. विक्रमादित्य कारवार में स्थित है।