स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों में ऑक्सीजन स्तर में सुधार के लिये प्रवण अभ्यास अथवा प्रोनिंग पोज़िशन के संदर्भ में एडवाइज़री जारी की है।
प्रोनिंग चिकित्सकीय रूप से अनुमोदित स्थिति है। इसमें व्यक्ति को पेट के बल लेटने की सलाह दी जाती है, जिसमें व्यक्ति का चेहरा नीचे की ओर होता है और उसके दोनों हाथ सीधे होकर कमर तक रहते हैं, इस स्थिति में पैर भी सीधे होते हैं।
इसके अतिरिक्त, व्यक्ति अपने दाएँ एवं बाएँ पार्श्व पर भी लेट सकता है या 60-90 डिग्री के कोण पर ‘फाउलर स्थिति’ में बैठ सकता है। प्रोनिंग व्यक्ति के फेफड़ों के वेंटिलेशन स्तर में सुधार करने में मदद करता है, जिससे नैसर्गिक रूप से ऑक्सीजन स्तर में सुधार होता है।
चिकित्सकों द्वारा किसी रोगी को न्यूनतम 30 मिनट तथा अधिकतम 2 घंटे तक इस अभ्यास को करने का सुझाव दिया जाता है। इससे उन्हें बाहरी ऑक्सीजन सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती। हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन परिसंचरण में रुकावट) की स्थिति में समय पर प्रोनिंग से रोगी की जान बचाई जा सकती है।