भारतीय नर्सिंग परिषद् ने देश में नर्सिंग शिक्षा का एक समान मानक सुनिश्चित करने के लिये भारतीय नर्सिंग परिषद् अधिनियम की धारा 16 के तहत नर्सिंग पाठ्यक्रम को अपडेट, संशोधित और विकसित किया है। संशोधित पाठ्यक्रम को जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा।
इस पाठ्यक्रम में चिकित्सा नैतिकता को पहली बार प्रस्तुत किया गया है तथा फॉरेंसिक नर्सिंग और नर्सिंग इंफॉर्मेटिक्स को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। नई प्रणाली के तहत अध्ययन के प्रत्येक क्षेत्र में योग्यता प्राप्त करने पर अधिक ज़ोर देने के साथ क्रेडिट-आधारित, सेमेस्टर पैटर्न को अपनाया गया है। संशोधित पाठ्यक्रम में ‘गरिमा’ शब्द और ‘नैतिकता का परिचय’ को जोड़ा गया है।
संशोधित पाठ्यक्रम में दिव्यांग अधिकारों तथा दिव्यांगता दक्षताओं को शामिल नहीं किया गया है, जबकि ‘दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम’ उच्च शिक्षा में दिव्यांगता अधिकारों को शामिल करने का आदेश देता है। पाठ्यक्रम में अभी भी विकलांग, मानसिक रूप से विकलांग और शारीरिक रूप से विकलांग जैसी अपमानजनक अभिव्यक्तियाँ का प्रयोग किया जा रहा है। पाठ्यक्रम में लिंग अभिव्यक्ति और पहचान घटकों को भी शामिल नहीं किया गया है, जिसे ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के आदेशानुसार शामिल किया जाना अनिवार्य है।
संशोधित नियमों के अनुसार कोई भी संस्थान या विश्वविद्यालय, परिषद् द्वारा किसी कोर्स या कार्यक्रम के लिये निर्धारित पाठ्यक्रम में संशोधन नहीं कर सकते। हालाँकि, वे आवश्यकता पड़ने पर इकाइयाँ या विषय जोड़ सकते हैं।