भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने अपने ‘वेस्ट टू वेल्थ’ मिशन के अंतर्गत ‘स्वच्छ भारत अध्येतावृत्ति’ की शुरुआत की है। यह मिशन, प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद के नौ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
यह सामुदायिक स्तर पर अपशिष्ट प्रबंधन, जागरूकता प्रसार, अपशिष्ट सर्वेक्षण तथा अध्ययन आदि कार्यों में संलग्न युवा नवोन्मेषकों, जिन्हें ‘स्वच्छता सारथी’ के रूप में जाना जाता है, को सशक्त करने के लिये एक पहल है।
अध्येतावृत्ति के तहत प्रदत्त पुरस्कारों को तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है। इसमें श्रेणी-ए के तहत ‘अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य’ में संलग्न 9वीं से 12वीं तक के स्कूली छात्रों, श्रेणी-बी में कॉलेज के छात्रों तथा श्रेणी-सी में स्वयं सहायता समूह, स्वच्छता श्रमिकों को शामिल किया गया है। इस अध्येतावृत्ति के तहत 500 अध्येताओं को मान्यता प्रदान की जाएगी।