‘द ग्रेट रीसेट’ विश्व आर्थिक मंच (WEF) की एक पहल है। इसकी अवधारणा डब्ल्यू.ई.एफ. के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब द्वारा दी गई है, जो पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुई।
यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के गहरे संकट के आकलन पर आधारित है। समाज पर महामारी के विनाशकारी प्रभाव, उभरती प्रौद्योगिकी के प्रभाव तथा जलवायु परिवर्तन के परिणामों सहित कई अन्य कारकों के कारण वर्तमान में आर्थिक स्थिति अधिक खराब हुई है।
क्लॉस श्वाब के अनुसार, वैश्विक समाज और अर्थव्यवस्था के सभी घटकों को पुनर्जीवित करने के लिये शिक्षा, सामाजिक अनुबंध व कार्यशील परिस्थितियों के साथ मिलकर कार्य करना चाहिये। अमेरिका से लेकर चीन तक प्रत्येक देश को तेल व गैस से लेकर तकनीक तक प्रत्येक क्षेत्र को अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिये इसमें सहभागिता करनी चाहिये। संक्षेप में, उन्होंने ‘पूँजीवाद के ग्रेट रीसेट’ की आवश्यकता पर बल दिया है।
'द ग्रेट रीसेट' का एजेंडा पूँजीवादी व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ गहराते जलवायु संकट तथा वैश्विक सहयोग में आई कमी जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके लक्ष्यों में संयुक्त रूप से एवं तात्कालिक प्रभाव की दृष्टि से अधिक निष्पक्ष, धारणीय तथा लचीले भविष्य के लिये आर्थिक व सामाजिक प्रणाली का आधार बनाने की प्रतिबद्धता भी शामिल है।