जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जनजातीय समुदाय के लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में डॉ. भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर ‘वन धन विकास योजना’ की शुरुआत की गई थी।
इसका मुख्य उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर लघु वनोपज (Minor Forest Produce -MFP) के मूल्य में वृद्धि करके, जनजातीय समुदाय की उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है।
वन धन विकास योजना में कारोबार का मुख्य आधार अपरिष्कृत (कच्ची) और प्रसंस्कृत गिलोय था। अब इसके अंतर्गत सफ़ेद मूसली, जामुन, बहेड़ा, वायविडंग, मोरिंगा, नीम, आँवला और संतरे के छिलकों के चूर्ण जैसे उत्पादों को भी शामिल किया गया है।
वन धन विकास योजना की सफलता ने जनजातीय समुदाय के हजारों लोगों को प्रेरित किया है। अभी तक ट्राइफेड (TRIFED) ने 12,000 लाभार्थियों एवं लगभग 39 वन धन विकास केंद्र को अतिरिक्त रूप से अपनी मंज़ूरी दी है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ट्राइफेड द्वारा संचालित इन प्रयासों हेतु स्लोगन ‘गो वोकल फॉर लोकल गो ट्राइबल- मेरा वन, मेरा धन, मेरा उद्यम’ को अपनाया गया है।