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विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour)

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) प्रति वर्ष 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस का आयोजन करता है। इस वर्ष इसका मुख्य बल/थीम है– कोविड-19: बच्चों की बालश्रम से सुरक्षा, अब पहले से कहीं ज़्यादा! (COVID-19: Protect Children from Child Labour, now more than ever!)।

  • वर्तमान में, विश्व में लगभग 152 मिलियन बच्चे बालश्रम में संलग्न हैं, इनमें से लगभग 72 मिलियन बच्चे खतरनाक प्रकृति के कार्यों में नियोजित हैं। विश्व में प्रति 10 बच्चों में से 1 बालश्रमिक है। वर्ष 2000 से, बालश्रमिकों की संख्या में 94 मिलियन की कमी आई है, परंतु हालिया 4 वर्षों में इस दर में दो-तिहाई की गिरावट दर्ज की गई है।
  • संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का लक्ष्य 8.7 वर्ष 2025 तक बालश्रम को सभी रूपों में समाप्त करने पर केंद्रित है, परंतु यदि बालश्रम उन्मूलन अपनी वर्तमान दर से भी जारी रहा, तब भी वर्ष 2025 तक 121 मिलियन बच्चे बालश्रम में बचे रहेंगे। जहाँ निम्न आय वाले देशों में बालश्रमिकों का सर्वाधिक प्रतिशत है, तो इनकी वास्तविक संख्या मध्यम आय वाले देशों में सबसे अधिक है।
  • विश्व के अल्प-विकसित देशों में, 5 से 17 वर्ष के प्रति 4 बच्चों में से एक बालश्रम में संलग्न है। बालश्रमिकों के सर्वाधिक प्रतिशत (1/5) तथा संख्या (72 मिलियन) की दृष्टि से अफ्रीका सबसे आगे है, जबकि अफ्रीका, एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त रूप से विश्व के प्रति 10 बच्चों में से 9 बालश्रम में संलग्न हैं। बालश्रम का सबसे कम प्रतिशत अरब देशों में हैं।
  • विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत आई.एल.ओ. द्वारा वर्ष 2002 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2021 को अंतर्राष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन वर्ष घोषित किया है। इस वर्ष इसका आयोजन ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर तथा कृषि में बालश्रम पर अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के लिये सहयोग (IPCCLA) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
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