New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM June End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 27th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM June End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 27th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM
Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 1

शनि ग्रह के छल्ले के अदृश्य होने के कारणों की विवेचना कीजिए। (शब्द सीमा 150)

17-Nov-2023 | GS Paper - 1

Solutions:

उत्तर प्रारूप 

भूमिका 

  • शनि ग्रह आकार में बृहस्पति के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है, आदि  की चर्चा करते हुए संक्षिप्त में भूमिका लिखें।

मुख्य भाग  

  • शनि के छल्लों का अस्थायी रूप से पृथ्वी से अदृश्य होने और फिर से बाद में दिखाई देने का प्रमुख कारण शनि के घूर्णन अक्ष का झुकाव तथा एक ऑप्टिकल भ्रम है। 
  • पृथ्वी का घूर्णन अक्ष 23.5 डिग्री झुका हुआ है तथा शनि के घूर्णन अक्ष का झुकाव 26.7 डिग्री है जिससे इसकी विशाल वलय प्रणाली भी कक्ष तल पर झुकी हुई है। 
  • जब शनि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है, तो पृथ्वी से देखने पर वह ऊपर-नीचे घुमता हुआ प्रतीत होता है जिससे उसके छल्लों का दृश्य भी परिवर्तित होता रहता है।
  • पृथ्वी से शनि ग्रह की दूरी अत्यधिक होने के कारण इसके छल्ले बहुत पतले प्रतीत होते हैं, जिससे उन्हें देख पाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये छल्ले जब पृथ्वी से संरेखित  होते हैं तब ये अनिवार्य रूप से अदृश्य हो जाते हैं। 
  • प्रत्येक 13 से 15 वर्ष में ऐसी घटना देखने को मिलती है। मार्च या मई 2025 में ऐसी घटना देखने को मिलेगी। ये 2025 के बाद वर्ष 2032 में फिर से दिखाई देने लगेंगे।
  • शनि को सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करने में 29.5 वर्ष लगते हैं। 

निष्कर्ष 

  • शनि ग्रह तथा उसके छल्लों के महत्व को बताते हुए संक्षिप्त में निष्कर्ष लिखें।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR