केस स्टडी-2
आप एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी हैं और हाल ही में अहमदाबाद में हुई एक गंभीर विमान दुर्घटना की जाँच के लिए गठित उच्चस्तरीय
समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। यह दुर्घटना 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की थी, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे 300 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें विमान में सवार 242 लोग तथा जमीन पर मौजूद मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टर भी शामिल थे। विमान में 169 भारतीयों के साथ-साथ 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिकों के शामिल होने से यह दुर्घटना एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आपदा के रूप में परिवर्तित हो गई है।
इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री की भी मृत्यु हुई है. जिससे यह मामला अत्यधिक राजनीतिक और संवेदनशील बन गया है। प्रारंभिक जाँच में टेकऑफ के दौरान कॉन्फिगरेशन त्रुटि (जैसे गलत फ्लैप सेटिंग, कम भ्रस्ट या गियर की गलत स्थिति) को प्रमुख कारण माना जा रहा है, जिसे 43°C की गर्मी ने और जटिल किया। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के तीन अधिकारियों को एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए हटाने का आदेश दिया है। यह पहली बार है जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश हुआ है।
इस गंभीर और बहुआयामी दुर्घटना की जाँच करते हुए आपको कई नैतिक दुविधाओं जैसे कि राजनीतिक दबाव, मीडिया की निगरानी, पीड़ितों के परिवारों की अपेक्षाएँ और संस्थागत पारदर्शिता की आवश्यकता का सामना करना पड़ रहा है।
उपर्युक्त मामले के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
(a) उपर्युक्त मामले में आप किन-किन नैतिक मूल्यों और प्रशासनिक सिद्धांतों को ध्यान में रखेंगे?
(b) इस मामले के आलोक में, विमानन क्षेत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता से संबंधित नैतिक मुद्दों पर टिप्पणी कीजिए।
(c) यदि आपके निष्कर्ष से उच्च राजनीतिक पदों पर बैठे कुछ प्रभावशाली लोगों की भूमिका सामने आती है, तो आप किन आधारों पर निर्णय लेंगे ?
29-Jul-2025 | GS Paper - 4
केस स्टडी-1
विनोद एक ईमानदार और निष्ठावान आई.ए.एस. अधिकारी हैं। हाल ही में उन्होंने राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है, पिछले तीन साल में यह उनका छठा तबादला है। उनके साथी उनके विशाल ज्ञान, मिलनसारिता और ईमानदारी को स्वीकार करते हैं।
राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष एक शक्तिशाली राजनीतिज्ञ हैं. जो मुख्यमंत्री के बहुत करीबी हैं। विनोद को निगम की अनेक कथित अनियमितताओं और वित्तीय मामलों में अध्यक्ष की मनमानी के बारे में पता चला।
निगम के विरोधी दल के एक बोर्ड सदस्य विनोद से मुलाकात करते हैं और कुछ दस्तावेजों के साथ एक वीडियो रिकॉर्डिंग सौंपते हैं, जिसमें अध्यक्ष क्यू.एम.आर. टायरों की आपूर्ति के लिए एक बड़ा ऑर्डर देने के लिए रिश्वत की मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। विनोद को याद है कि अध्यक्ष ने क्यू.एम. आर. टायरों के लंबित बिलों को तेजी से निपटाने का काम किया था।
विनोद, बोर्ड सदस्य से पूछते हैं कि वे अपने पास मौजूद तथाकथित ठोस सबूतों के साथ अध्यक्ष को बेनकाब करने से क्यों कतरा रहे हैं। सदस्य उन्हें सूचित करते हैं कि अध्यक्ष ने उनकी धमकियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर विनोद खुद अध्यक्ष को बेनकाब करेंगे तो उन्हें पहचान और जनता का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा वे विनोद से कहते हैं कि एक बार उनकी पार्टी सत्ता में आ जाएगी तो विनोद की पेशेवर वृद्धि सुनिश्चित हो जाएगी।
विनोद को पता है कि अगर उन्होंने अध्यक्ष का भंडाफोड़ किया तो उन्हें दंडित किया जा सकता है और आगे चलकर उन्हें किसी दूर स्थान पर स्थानांतरित भी किया जा सकता है। विनोद जानते हैं कि आगामी चुनाव में विपक्षी दल के सत्ता में आने की बेहतर संभावना है। हालाँकि उन्हें यह भी एहसास है कि बोर्ड सदस्य अपने राजनीतिक लाभों के लिए उनका इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
(a) एक कर्तव्यनिष्ठ सिविल सेवक के रूप में विनोद के लिए उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन कीजिए।
(b) उपर्युक्त मामले के आलोक में, नौकरशाही के राजनीतिकरण के कारण उत्पन्न होने वाले नैतिक मुद्दों पर टिप्पणी कीजिए।
(सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023)
29-Jul-2025 | GS Paper - 4
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