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शॉर्ट न्यूज़: 07 सितम्बर, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 07 सितम्बर, 2022


साइबर सुरक्षित भारत पहल

कॉलेजों के क्लस्टरिंग का प्रस्ताव

सुपर टाइफून ‘हिन्नमनॉर’


साइबर सुरक्षित भारत पहल

चर्चा में क्यों

हाल ही में, ‘साइबर सुरक्षित भारत पहल’ के तहत डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISOs) के लिये किया गया, जिसका उद्देश्य सी.आई.एस.ओ. को व्यापक रूप से साइबर हमलों को समझने के लिये प्रशिक्षित करना एवं सक्षम बनाना तथा सुरक्षा से जुड़ी आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक पहुँच सुनिश्चित करना है। 
  • यह प्रशिक्षण कानूनी प्रावधानों का एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है ताकि सी.आई.एस.ओ. साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नीतियाँ तैयार करने एवं साइबर संकट प्रबंधन योजनाएँ बनाने में सक्षम हो सकें। 
  • वर्ष 2018 में शुरू हुआ सी.आई.एस.ओ. प्रशिक्षण कार्यक्रम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) पहल के तहत सरकार और उद्योग कंसोर्टियम के बीच अपनी तरह की पहली साझेदारी है। 

साइबर सुरक्षित भारत पहल

  • साइबर सुरक्षित भारत पहल इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसमें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और विभिन्न उद्योग भागीदारों का सहयोग शामिल हैं।
  • इसके संस्थापक भागीदारों में इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, रेडहैट, विप्रो और डायमेंशन डाटा जैसी प्रमुख आई.टी. कंपनियाँ शामिल हैं तथा ज्ञान भागीदारों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), सर्ट-इन (Cert-In), फिडो (Fast IDentity Online : FIDO) एलायंस, नैसकॉम आदि शामिल हैं। 
  • यह डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के संबंध में भारत में साइबर सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने से संबंधित है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ समस्त सरकारी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISO) और फ्रंटलाइन आई.टी. कर्मचारियों के लिये सुरक्षा उपायों की क्षमता विकसित करना है।

कॉलेजों के क्लस्टरिंग का प्रस्ताव

चर्चा में क्यों  

हाल ही में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों को बहु-विषयक संस्थानों में बदलने के लिये दिशा-निर्देश को अंतिम रूप दिया है, जिसमें एक-दूसरे के निकट स्थित संस्थानों की ‘क्लस्टरिंग’ भी शामिल हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य राज्य सरकारों एवं विश्वविद्यालयों को उपयुक्त नियम और नीतियाँ बनाने में मदद करना है।
  • बहु-विषयक संस्थानों को बढ़ावा देना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की प्रमुख अनुशंसाओं में से एक थी।
  • यू.जी.सी. (UGC) ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) के ‘क्लस्टर’ के माध्यम से संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग का सुझाव दिया है।
  • क्लस्टर प्रणाली ऐसे एकल संकाय संस्थानों (Single-Stream Institutions) की भी मदद करेगी जो विभिन्न कारणों, जैसे- रोज़गारोन्मुखी न होने, नवीनतम एवं बहुविषयक पाठ्यक्रमों की कमी और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण नामांकन में गिरावट का सामना कर रहे हैं।  
  • यह प्रणाली ऐसे केंद्रों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) मान्यता में अपने ग्रेड में सुधार करने में मदद करेगी।
  • क्लस्टर में सदस्य कॉलेज प्रारंभिक चरण में विश्वविद्यालय के तहत संबद्ध कॉलेजों के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे और छात्र अनुसंधान परियोजनाओं के लिये अपने संसाधनों को साझा करेंगे।
  • इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने ए.बी.सी. प्लेटफॉर्म (ABC Platform) विकसित किया है जो छात्रों को एक अकादमिक खाता खोलने और रूचि के अनुसार एच.ई.आई. को जोड़ने तथा डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त करने के लिये उनसे अर्जित क्रेडिट स्टोर को भंडार करने की सुविधा प्रदान करता है। 
  • यू.जी.सी. ने फैकल्टी (अध्यापक समूह) के लिये क्षमता निर्माण का भी सुझाव दिया है, ताकि वे शिक्षण में अधिगम मूल्यांकन विधियों में सुधार जैसी पहलों के माध्यम से बहु-विषयक शैक्षणिक कार्यक्रमों में पढ़ा सकें तथा प्रशिक्षण एवं शोध कार्य कर सकते हैं। 
  • विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षा विभाग स्थापित करने का भी सुझाव दिया गया है, जो भविष्य के शिक्षकों को पाठ्यक्रम डिजाइन, शिक्षाशास्त्र, संचार और लेखन सिखाने में मदद करेगा। 

सुपर टाइफून ‘हिन्नमनॉर’

चर्चा में क्यों

सुपर टाइफून 'हिन्नमनॉर' (Hinnamnor) वर्ष 2022 का सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय तूफ़ान है। 

प्रभावित क्षेत्र 

  • यह पश्चिमी प्रशांत महासागर में दक्षिण चीन सागर में विकसित हुआ है। इससे चीन के पूर्वी तट, जापान (Japan) के दक्षिणी द्वीपों और दक्षिण कोरिया के कुछ हिस्सों को नुक्सान होने की संभावना है।
  • इससे जापान के ओकिनावा के मुख्य द्वीप और साकिशिमा द्वीप के अधिक प्रभावित होने की संभावना है। 
  • इसके कारण पूरे दक्षिण कोरिया में अत्यधिक वर्षा की संभावना हैं।

वर्गीकरण

  • हिन्नमनॉर वर्ष 2022 का 11वां उष्णकटिबंधीय तूफान है। इसे उच्चतम श्रेणी-5 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • तूफानों को सैफिर-सिम्पसन स्केल पर 5 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। 1 से 5 रेटिंग तूफान की निरंतर हवा की गति पर आधारित है :
    • श्रेणी 1: 119-153 किमी/घंटा
    • श्रेणी 2: 154-177 किमी/घंटा
    • श्रेणी 3: 178-208 किमी/घंटा
    • श्रेणी 4: 209-251 किमी/घंटा
    • श्रेणी 5: 252 किमी/घंटा या अधिक

चक्रवात के अन्य नाम 

हिंद महासागर 

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone)

कैरेबियन सागर  

हरिकेन (Hurricane)

चीन सागर 

टाइफून (Typhoon)

जापान 

ताइफु (Taifu)

उत्तरी ऑस्ट्रेलिया 

विली विली (Willy Willy)

फिलीपींस 

बागुइओ (Baguio)

अमेरिका

टोरनेडो (Tornadoe)


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