शॉर्ट न्यूज़: 23 मई, 2022
डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ
पक्षियों की स्थिति
डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र सरकार ने 100 भारतीय शहरों में ‘डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क’ (Open Network for Digital Commerce : ONDC) लॉन्च करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) की एक पहल है।
- इस परियोजना के पायलट चरणों को पांच शहरों- दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर में शुरु किया गया है।
- स्वदेशी रूप से विकसित इस ‘ई-कॉमर्स नेटवर्क’ को लाखों किराना स्टोर एवं उपभोक्ताओं को अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे बहुराष्ट्रीय प्लेटफार्मों का विकल्प प्रदान करने के लिये शुरू किया जाएगा।
- मंच का उद्देश्य नए अवसर पैदा करना, डिजिटल एकाधिकार पर अंकुश लगाना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और छोटे व्यापारियों का समर्थन करना तथा उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने में मदद करना है।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने किसानों के घर पर पशु चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के लिये ‘मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (MVU’s)’ का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- कर्नाटक को 289 लाख पशु संख्या पर 290 ‘मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों’ को मंजूरी दी गई, जिसे सार्वजनिक निजी भागीदारी द्वारा पूरे राज्य में संचालित किया जाएगा।
- ये एम.वी.यू. पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के लिये निदान, उपचार एवं मामूली सर्जरी तथा अन्य बुनियादी आवश्यकताओं इत्यादि के उद्देश्य से जरुरी उपकरणों के साथ अनुकूलित वाहन होंगे।
- पशु चिकित्सा सेवाएँ किसानों से कॉल सेंटर पर प्राप्त फोन कॉल के आधार पर उपलब्ध कराई जाएँगी। मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों का उपयोग करने के लिये टोल फ्री पशु हेल्पलाइन नंबर 1962 का प्रयोग करना होगा।
- पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिये एम.वी.यू. योजना के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रत्येक एक लाख पशुधन आबादी में एक एम.वी.यू. स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
लाभ
- सही समय पर डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल।
- किसानों की आय को दोगुना करने में उपयोगी।
- किसानों एवं डेयरी मालिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार।
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- ये सुविधाएँ ‘पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ के घटक ‘पशु चिकित्सा अस्पतालों एवं औषधालयों की स्थापना व सुदृढ़ीकरण-मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों’ के तहत प्रदान की जा रही है।
- भारत सरकार के 'पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम' का समग्र उद्देश्य पशुधन एवं कुक्कुट के विभिन्न रोगों के खिलाफ रोगनिरोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण, रोग की निगरानी तथा पशु चिकित्सा बुनियादी ढाँचे को मजबूत करके पशु स्वास्थ्य में सुधार करना है।
- मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों के परिचालन लागत को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाएगा।
पक्षियों की स्थिति
चर्चा में क्यों
हाल ही में, विश्व में पक्षियों की स्थिति (The State of the World’s Birds) की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट प्रकाशित की गई।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में पक्षियों की 10,994 मान्यता प्राप्त मौजूदा प्रजातियों में से लगभग 13.5% विलुप्त होने के कगार पर हैं। साथ ही, पक्षियों की कुल प्रजातियों में से 48% प्रजातियों की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है।
- लगभग 39% प्रजातियों की संख्या स्थिर पाई गई है, जबकि लगभग 7% प्रजातियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है
- जीवित पक्षी प्रजातियों में से लगभग 37% का प्रयोग पालतू के रूप में तथा लगभग 14% का प्रयोग भोजन के रूप में किया जाता है।
पर्यावरणीय महत्त्व
- उल्लेखनीय है कि पक्षियाँ पर्यावरणीय स्वास्थ्य की अत्यधिक स्पष्ट एवं संवेदनशील संकेतक हैं। इनकी क्षति जैव विविधता के व्यापक नुकसान तथा मानव स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये खतरे का संकेत हैं।
- प्राकृतिक आवासों के क्षरण एवं क्षति के साथ-साथ कई प्रजातियों के प्रत्यक्ष रूप से अतिदोहन के कारण पक्षी विविधता खतरे में है।
- विश्व स्तर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पक्षी विविधता अधिकतम है और यहीं पर संकटग्रस्त प्रजातियों की अधिकतम संख्या भी पाई जाती है।
- उष्णकटिबंधीय जंगलों के अतिरिक्त उत्तरी अमेरिका, यूरोप एवं भारत के लिये प्राकृतिक घास के मैदानों का ह्रास विशेष रूप से चिंताजनक है।