शॉर्ट न्यूज़ : 30 जनवरी , 2023
शहीद दिवस
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बिरसा मुंडा स्टेडियम
तुलसीदास
शहीद दिवस
- महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाने के लिए देश हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाता है।
- 30 जनवरी, 1948 को बिरला हाउस में शाम की प्रार्थना के दौरान महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
- यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
- 30 जनवरी को अहिंसा और शांति के दिन के रूप में भी मनाया जाता है और देश भर में विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है।
- इस दिन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और तीन सेवा प्रमुखों (सेना, वायु सेना और नौसेना) ने दिल्ली में उनकी समाधि राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।
- सुबह 11 बजे, पूरे देश में भारतीय शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बिरसा मुंडा स्टेडियम
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। स्टेडियम ने दुनिया के सबसे ज्यादा सीटिंग कैपेसिटी वाले हॉकी स्टेडियम के रूप में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
- ओडिशा के नाम एक वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। इसकी दर्शक क्षमता 21 हजार है।
ट्राइबल लीडर के नाम पर स्टेडियम
- राउरकेला स्थित स्टेडियम का नाम भारत के फ्रीडम फाइटर और ट्राइबल लीडर बिरसा मुंडा के नाम पर रखा गया।
- इसे खास तौर पर हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के लिए ही तैयार किया गया।
- हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए मात्र 15 महीनों में ही बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम को बनाया गया।
- स्टेडियम में एक अलग फिटनेस सेंटर, एक स्विमिंग पूल, ड्रेसिंग रूम और प्रैक्टिस पिच को जोड़ने वाली एक टनल भी है।
- राउरकेला के बाहरी इलाके में बीजू पटनायक टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी है। जिसके 120 एकड़ के कैंपस में 35 एकड़ के क्षेत्र में स्टेडियम में बनाया गया।
तुलसीदास
सुर्खियों में क्यों
हाल ही में कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा तुलसीदास द्वारा रचित पुस्तक ‘रामचरितमानस’ की आलोचना की गई है।
राजनीतिक नेताओं द्वारा निम्न आरोप
- रामचरितमानस "समाज में नफरत फैलाता है"
- गोस्वामी तुलसीदास की महाकाव्य कविता मनुस्मृति और एमएस गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स के साथ जला दी जानी चाहिए।
- यह पुस्तक धर्म के नाम पर निम्न जातियों को गाली देती है।
जिन अंशों की आलोचना की जाती है
- ढोल गँवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी
- जे बरनाधम तेली कुम्हारा, स्वपच किरात कोली कलवारा, नारी मुई गृह सम्पति नाशी, मूड मुड़ाई होहिन संन्यासी (तेली, कुम्हार, चांडाल, भील जैसी निचली जातियाँ)
- अधम जाती मय शिक्षा पाए, भयौ जथा अहि दूध पिलाये
आलोचकों ने कविता के इन हिस्सों का उपयोग तुलसीदास पर गैर-उच्च जातियों और महिलाओं के खिलाफ होने और ब्राह्मणवादी श्रेष्ठता के विचार के ध्वजवाहक होने का आरोप लगाने के लिए किया है।
तुलसीदास के बारे में
- वास्तविक नाम - राम बोला दुबे
- रचना -रामचरितमानस (16वीं शताब्दी में)
- भाषा- अवधी बोली में
- समकालीन- सम्राट अकबर
- अकबर के सेनापति बैरम खान के पुत्र अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना के साथ पत्राचार का उल्लेख
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