भारत ने अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
अग्नि-5 के बारे में
- प्रकार : परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)
- विकास : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा
- प्रक्षेपण स्थल : ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज
- मारक क्षमता: 5,000 किमी. से अधिक (संपूर्ण एशिया, अफ्रीका के कुछ हिस्से और यूरोप को कवर करती है)।
- प्रौद्योगिकी :
- उन्नत नेविगेशन एवं मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ त्रि-चरणीय ठोस-ईंधन वाली मिसाइल
- मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) से सुसज्जित होने से एक ही प्रक्षेपण में कई लक्ष्यों पर वार करने में सक्षम
- प्लेटफ़ॉर्म या लॉन्च पैड : रोड-मोबाइल, कैनिस्टराइज़्ड लॉन्चर→ गतिशीलता, भंडारण और त्वरित प्रक्षेपण क्षमता को बढ़ावा
रणनीतिक महत्त्व
- परमाणु प्रतिरोध को मज़बूत कर भारत की द्वितीय-आक्रमण क्षमता को बढ़ाता है।
- भारत के परमाणु सिद्धांत के तहत विश्वसनीय न्यूनतम निवारण को सुदृढ़ करने के साथ ही ‘नो फर्स्ट यूज़ (NFU)’ नीति का समर्थन करता है।
- इससे भारत की रणनीतिक पहुँच का विस्तार पूरे चीन एवं उससे आगे तक होगा।
- इसकी एम.आई.आर.वी. क्षमता भारत को चुनिंदा देशों (अमेरिका, रूस, चीन) के समूह में शामिल करती है।
निष्कर्ष
अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की रक्षा तैयारियों में एक मील का पत्थर है जो तकनीकी परिपक्वता को दर्शाता है और रणनीतिक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करता है।