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सौर तूफ़ान का पृथ्वी पर प्रभाव

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3; सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।)  

संदर्भ 

नासा के वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में एक बड़े सौर तूफान के बारे में चेतावनी जारी की है।

क्या है सौर तूफ़ान 

  • नासा के अनुसार सौर तूफान कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्रों और सौर सामग्री का अचानक विस्फोट है।
  •  सौर तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है। पृथ्वी की ओर निर्देशित होने पर सौर तूफान को 'भू-चुंबकीय तूफान' के रूप में भी जाना जाता है। 
  • ISRO की एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल मई में एक शक्तिशाली सौर तूफान ने पृथ्वी को प्रभावित किया था जो अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र AR13664 द्वारा प्रेरित था। 
    • इस क्षेत्र ने पृथ्वी पर निर्देशित एक्स-क्लास फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की एक श्रृंखला की शुरुआत की थी।

कोरोनल मास इजेक्शन के बारे में 

  • कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा एवं चुंबकीय क्षेत्र का भारी मात्रा में निष्कासन है। 
  • CME सूर्य से बाहर की ओर 250 किमी. प्रति सेकंड (km/s) से लेकर 3000 किमी./सेकंड की गति से यात्रा करते हैं।
  •  सबसे तेज़ पृथ्वी-निर्देशित CME पृथ्वी तक 15-18 घंटों में पहुँच सकते हैं। 
  • सूर्य के सापेक्ष बढ़ती दूरी के साथ ही CME आकार बढ़ता जाता है और ये पृथ्वी और सूर्य के बीच के स्थान के लगभग एक चौथाई हिस्से तक प्रसारित हो सकते हैं।

सौर तूफ़ान का प्रभाव 

  • सौर तूफान इलेक्ट्रॉनिक संचार को प्रभावित करने के साथ ही उपग्रहों के क्रियाकलापों  को बाधित कर सकता है।
  • यह रेडियो ब्लैकआउट, बिजली की कटौती और ऑरोरा जैसे प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। 
    • हालाँकि, सौर तूफान में पृथ्वी पर किसी को भी नुकसान पहुँचाने की क्षमता नहीं होती है क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वातावरण सौर तूफान के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
  • भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम के अनुसार इससे मैग्नेटोस्फीयर में कुछ हस्तक्षेप की संभावना है। 
  •  सौर तूफान के परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्ध में एक ऑरोरा दिखाई पड़ सकता है। 
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