New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

भारत में हीट वेव 

प्रारंभिक परीक्षा – हीट वेव 
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 1 - महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ

सन्दर्भ 

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के  पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत, मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में  सामान्य से अधिक तापमान के साथ भीषण गर्मी की संभावना है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केरल और तटीय कर्नाटक को छोड़कर, भारत के अधिकांश हिस्सों में मार्च-मई के दौरान हीट वेव चलने की संभावना है।
  • उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम मध्य भारत और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।
  • प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
  • फरवरी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, उत्तर और पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में तापमान 35-39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो वर्ष के इस समय के सामान्य तापमान से लगभग 3-5 डिग्री अधिक है। 
  • उच्च तापमान से गेहूं की पैदावार को खतरा है और IMD ने किसानों को या तो सिंचाई करने या नमी को संरक्षित करने के लिए मिट्टी का उपचार शुरू करने की सलाह दी है।

हीट वेव

  • हीट वेव असामान्य रूप से उच्च तापमान की वह स्थिति है, जिसमें तापमान सामान्य से अधिक रहता है।

भारत में हीट वेव

  • भारत में हीट वेव्स सामान्यत: मार्च-जून के बीच चलती हैं  परन्तु कभी-कभी मौसमी दशाओं के कारण जुलाई तक विस्तारित हो जाती हैं।
  • यह मुख्यतः देश के पश्चिमोत्तर भाग को प्रभावित करती है।
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मैदानी क्षेत्रों में 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक,  तटीय क्षेत्रों के लिए 37 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान को हीट वेव के मानक के रूप में निर्धारित किया है।

हीट वेव के कारण

  • हीट वेव मानव गतिविधि के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। 
  • हीट वेव बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय परिसंचरण विसंगतियों जैसे उच्च दबाव वाले क्षेत्रों, ऊपरी-क्षोभमंडलीय जेट स्ट्रीम आदि के कारण उत्पन्न होती है।
  • भारत में ताप तरंगों की आवृत्ति और लंबाई वैश्विक कारकों, जैसे अल नीनो/दक्षिणी दोलन (ENSO) इत्यादि द्वारा नियंत्रित होती है। 
  • स्थानीय कारक जैसे मिट्टी की नमी में कमी आदि हीट वेव के परिणामों को बढ़ा सकती है।
  • शहरी ताप द्वीप प्रभाव के कारण भी तापमान, वास्तविक तापमान से 3 से 4 डिग्री अधिक गर्म महसूस हो सकता है।
  • वैश्विक तापमान पहले ही 1°C से अधिक बढ़ चुका है, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि तापमान में एक डिग्री की वृद्धि से देश में 40°C तापमान की संभावना दस गुना बढ़ जाती है।

हीट वेव का प्रभाव

  • हीट वेव की अधिक आवृत्ति, तीव्रता और अवधि ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सूखे की घटनाओं में वृद्धि की है। 
    • इससे जल स्तर का क्रमिक ह्रास होता है।
  • सूखा प्रवण नदियों ने कृषि और ऊर्जा सुरक्षा दोनों को प्रभावित किया है।
  • सर्दियाँ जल्दी समाप्त होने के साथ, वनस्पतियाँ जल्द ही बढ़ने लगती हैं जबकि मिट्टी की नमी में कमी ने जंगल की आग को और अधिक संभावित बना दिया है।
  • अत्यधिक तापमान और परिणामस्वरुप उत्पन्न वायुमंडलीय स्थितियां लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR