
भारत की जनजातीय आबादी देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है। इन्हीं समुदायों के सर्वांगीण विकास और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सशक्त करने हेतु केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में "प्रधान मंत्री वनबंधु कल्याण योजना (PMVKY)" की शुरुआत की। यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, संस्कृति और अवसंरचना के एकीकृत विकास की ओर केंद्रित है।
चर्चा में क्यों?
- साल 2025 में इस योजना ने 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
- यह जनजातीय विकास मंत्रालय द्वारा संचालित एक केंद्र प्रायोजित प्रमुख योजना है।
- 2021–22 से 2025–26 की अवधि के लिए इसका कुल परिव्यय ₹26135.46 करोड़ निर्धारित किया गया है।
उद्देश्य (Objectives)
- जनजातीय आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारना।
- जनजातीय क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक सुगम पहुंच प्रदान करना।
- जनजातीय लोगों की संस्कृति, परंपरा और पहचान का संरक्षण करना।
- ग्राम स्तर पर समेकित और समावेशी विकास को बढ़ावा देना।
मुख्य विशेषताएँ (Key Features)
योजना के प्रमुख घटक (Key Components of PMVKY)

प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY)
- इस घटक का उद्देश्य ऐसे गांवों का समेकित विकास करना है जिनमें 50% या अधिक जनजातीय आबादी है।
- कुल 36,428 गांवों की पहचान की गई है।
- प्राथमिक क्षेत्र: सड़क और दूरसंचार संपर्क, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, स्वच्छता, पीने का पानी आदि।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) का विकास
- भारत में 75 PVTGs अधिसूचित हैं।
- उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान हेतु राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- क्षेत्र: आवास, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, परंपरा संरक्षण।
जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (TRIs) को सहायता
- राज्य स्तर पर कार्यरत TRI को जनजातीय जीवन, संस्कृति और समसामयिक मुद्दों पर नीतिगत शोध के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
- TRI जनजातीय बहुल क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पहचान और कार्य-योजना बनाने में सहयोग करते हैं।
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
- कक्षा 9 और 10 के छात्रों को दी जाती है।
- पात्रता: अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम।
- उद्देश्य: ड्रॉपआउट दर कम करना और स्कूली शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
- 10वीं के बाद कॉलेज/तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश लेने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्रों को आर्थिक सहायता।
- योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाना है।
समावेशी दृष्टिकोण
- PMVKY पूरे भारत के अनुसूचित जनजातीय समुदायों को ध्यान में रखते हुए कार्य करती है। यह केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा, आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है।
प्रभाव और उपलब्धियां:-
- जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल आदि की पहुंच में वृद्धि।
- शिक्षा के स्तर में सुधार: छात्रवृत्तियों के कारण स्कूल और कॉलेज में पंजीकरण दर में वृद्धि।
- PVTGs के संरक्षण में सफलता: कुछ समूहों की साक्षरता दर, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार।
- गांवों का समेकित विकास: आदर्श ग्राम योजना के तहत अनेक गांवों में समग्र परिवर्तन।
PMVKY का सारांश
घटक
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उद्देश्य
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लाभार्थी
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PMAAGY
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अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों का एकीकृत विकास
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36,428 गांव
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PVTGs विकास
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विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का संरक्षण
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75 PVTGs
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TRI सहायता
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अनुसंधान एवं नीतिगत समर्थन
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राज्य सरकारें, शिक्षाविद
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प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति
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9–10वीं के छात्रों को सहायता
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आय ≤ ₹2.5 लाख वाले परिवार
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पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
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10वीं के बाद उच्च शिक्षा हेतु सहायता
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ST छात्र
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