गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के भवन का उद्घाटन किया।
मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के बारे में
- परिचय : यह भारत का एक राष्ट्रीय खुफिया-साझाकरण केंद्र है जो खुफिया ब्यूरो (IB) के तहत कार्य करता है।
- स्थापना : वर्ष 2001 में कारगिल युद्ध के बाद स्थापित और वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के बाद अधिक मजबूत किया गया।
- उन्नत संस्करण : मई 2025 में इसके उन्नत संस्करण का उद्घाटन हुआ, जो आतंकवाद, संगठित अपराध एवं साइबर खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- महत्त्व : ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) में इसकी भूमिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा में इसकी प्रभावशीलता को रेखांकित किया है।
प्रमुख विशेषताएँ
एकीकृत खुफिया मंच
- 28 संगठनों, जैसे- रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), सशस्त्र बल एवं राज्य पुलिस के बीच रीयल-टाइम खुफिया साझाकरण।
- दिल्ली में मुख्यालय और सभी राज्य राजधानियों में सहायक MAC (SMACs)
- जिला स्तर तक विस्तारित 400+ सुरक्षित साइटों का नेटवर्क
24/7 संचालन
- पिछले 24 घंटों में प्राप्त खुफिया जानकारी का दैनिक विश्लेषण
- केंद्र एवं राज्य एजेंसियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समन्वय
उन्नत तकनीकी एकीकरण
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एवं मशीन लर्निंग (ML) आधारित डाटा विश्लेषण
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) और बिग डाटा विश्लेषण के साथ हॉटस्पॉट मैपिंग एवं ट्रेंड विश्लेषण
- नैटग्रिड (NATGRID) और CCTNS जैसे अन्य सुरक्षा मंचों के साथ एकीकरण की योजना।
देशव्यापी कनेक्टिविटी
- देश के सुदूर क्षेत्रों, जैसे- द्वीप क्षेत्र, नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं ऊँचाई वाले पहाड़ी इलाकों तक कनेक्टिविटी
- जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षकों (SPs) तक सुरक्षित नेटवर्क
विशिष्ट समूह बैठक
- विशिष्ट क्षेत्रों (जैसे- जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर, LWE) से संबंधित खुफिया जानकारी पर केंद्रित चर्चाएँ
- केवल संबंधित एजेंसियों की भागीदारी से गोपनीयता सुनिश्चित
- जघन्य अपराधों और अंतर-राज्यीय समन्वय से संबंधित सूचनाओं का साझाकरण