New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

सरकारी स्कूलों में सुरक्षा संकट: शिक्षा मंत्रालय के निर्देश

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन व कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में 26 जुलाई, 2025 को एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से कई बच्चों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस घटना से सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों की सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश जारी किया है।

शिक्षा मंत्रालय के हालिया निर्देश

  • सभी स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य किया गया है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा कोड और आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार ऑडिट किया जाए।
  • संरचनात्मक मजबूती (Structural Integrity), आग से सुरक्षा, आपातकालीन निकास द्वार और विद्युत तारों की पूरी तरह से जांच की जाए।
  • बच्चों एवं स्टॉफ को आपात स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया जाए, जैसे- इवैक्यूएशन ड्रिल, फर्स्ट एड और सुरक्षा प्रोटोकॉल।
  • 24 घंटे के भीतर रिपोर्टिंग अनिवार्य: किसी भी खतरनाक स्थिति, निकट दुर्घटना या घटना की रिपोर्ट संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की अधिकृत इकाई को देनी होगी।
  • देरी या लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी।
  • स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य समर्थन के लिए परामर्श सेवा, सामुदायिक सहभागिता और सहयोगी समूह स्थापित करने का निर्देश।

राष्ट्रीय सुरक्षा सहिंता और आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देश

  • स्कूल सुरक्षा दिशानिर्देश (2021)
    • स्कूल प्रबंधन को नियमित निरीक्षण एवं मरम्मत के लिए जवाबदेह बनाया गया है।
    • इसमें संरचनात्मक ऑडिट, रखरखाव एवं आपदा तैयारियों पर जोर दिया गया है।
    • स्कूलों में सुरक्षित सभा स्थल, मॉक ड्रिल एवं बुनियादी बचाव प्रशिक्षण अनिवार्य है।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशानिर्देश (NDMA, 2016)
    • स्कूल आपदा प्रबंधन योजनाओं (SDMPs) का निर्माण अनिवार्य है जिसमें खतरे की पहचान, रेट्रोफिटिंग एवं सुरक्षा मानकों का अनुपालन शामिल है।
    • नियमित संरचनात्मक ऑडिट, त्वरित मरम्मत एवं सामुदायिक जागरूकता पर जोर देता है।
    • अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकास एवं विद्युत प्रणालियों की जाँच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल निर्धारित किए गए हैं।
  • अनुपालन और निगरानी
    • राष्ट्रीय सुरक्षा सहिंता के अनुसार, स्कूलों को भूकंप, बाढ़ एवं अग्नि जैसे खतरों के लिए तैयार रहना होगा।
    • स्थानीय प्राधिकरणों के साथ समन्वय (जैसे- NDMA, अग्निशमन सेवाएँ, पुलिस) और नियमित प्रशिक्षण तथा मॉक ड्रिल आवश्यक है।
  • रिपोर्टिंग तंत्र : खतरनाक परिस्थितियों की तत्काल रिपोर्टिंग एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

प्रमुख चुनौतियाँ

  • पुराने एवं जर्जर भवन : दशकों पुरानी कई स्कूलों की संरचनाओं की नियमित जाँच न होना 
  • नियंत्रण एवं निगरानी की कमी : भवनों के रखरखाव पर स्थानीय निकायों का ध्यान न जाना 
  • फंड की कमी : ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्कूलों के लिए मरम्मत व सुरक्षा कार्यों के लिए सीमित संसाधन
  • सुरक्षा संस्कृति की कमी : स्कूल प्रशासन, शिक्षक एवं समुदाय में आपदा सुरक्षा के प्रति जागरूकता में कमी
  • मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी : घटना के बाद बच्चों पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभावों को प्राथमिकता न देना

आगे की राह

  • विशेषज्ञों से सभी स्कूलों की संरचनात्मक समीक्षा कराया जाना 
  • स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण अभियान चलाया जाना 
  • आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को पाठ्यक्रम और शिक्षकों की ट्रेनिंग में शामिल किया जाना
  • स्थानीय पंचायतों, अभिभावकों एवं समुदाय को निगरानी में शामिल किया जाना 
  • हर स्कूल में सुरक्षा मानचित्र, इवैक्यूएशन प्लान एवं प्राथमिक चिकित्सा किट अनिवार्य करना
  • मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नियमित नियुक्ति करना (विशेष रूप से गंभीर घटनाओं के बाद)
  • बाल सुरक्षा एवं भवन नियामक तंत्र को सशक्त व जवाबदेह बनाना

निष्कर्ष 

सरकारी स्कूलों की भौतिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन क्षमता एवं मानसिक स्वास्थ्य सहयोग बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। राजस्थान की पीपलोदी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल योजनाएँ नहीं, बल्कि जमीनी कार्रवाई एवं जवाबदेही जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश सही दिशा में कदम हैं किंतु उनका कड़ाई से पालन एवं निगरानी ही वास्तविक चुनौती है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR