New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि

चर्चा में क्यों

हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार वर्ष-पूर्व अवधि की तुलना में अप्रैल से जनवरी 2021-22 के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 23% से अधिक बढ़कर 19.7 बिलियन डॉलर हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवधि के दौरान चावल 7.7 अरब डॉलर निर्यात मूल्य के साथ विदेशी मुद्रा अर्जित करने में शीर्ष पर रहा है। 
  • 10 महीने की इस अवधि के दौरान मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात 13% से अधिक बढ़कर 3.40 बिलियन डॉलर हो गया है। फलों और सब्जियों का निर्यात 16% बढ़कर 1.20 बिलियन डॉलर हो गया है।
  • इस अवधि में गेहूँ के निर्यात में 387% की वृद्धि और अन्य मोटे अनाजों के निर्यात में 65% की वृद्धि हुई है।
  • विदित है कि यह आँकड़े वाणिज्य मंत्रालय द्वारा एपीडा के सहयोग से जारी किये जाते है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
  • कृषि निर्यात नीति, 2018 के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों के सहयोग से निर्यात को बढ़ावा देने के लिये बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर ज़ोर दिया जा रहा है।

कृषि निर्यात नीति, 2018

  • कृषि नीति के माध्‍यम से कृषि उत्‍पादों के निर्यात को प्रोत्‍साहन मिलेगा जो वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के सरकार के लक्ष्‍य को प्राप्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगी। नयी नीति के माध्‍यम से कृषि उत्‍पादों का निर्यात दोगुना करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, भारतीय किसान और उनके उत्‍पाद वैश्‍विक मूल्‍य श्रृंखला का हिस्‍सा बन सकेंगे।
  • उद्देश्य-
    • वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को बढ़ाकर 60 अरब डॉलर करना तथा एक टिकाऊ व्‍यापार नीति के माध्‍यम से अगले कुछ वर्षों में इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना
    • नवीन, स्वदेशी, जैविक, स्थानीय प्रजाति, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना।
    • कृषि उत्‍पादों के लिये बाजार पहुंच को आसान बनाने के लिये एक संस्‍थागत प्रणाली विकसित करना तथा इनके व्‍यापार के रास्‍ते में आने वाली बाधाओं को दूर करना और इनसे जुड़े पादप-स्‍वच्‍छता (फाइटोसैनिटरी) के मामलों को निपटाना
    • वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जुड़कर विश्व कृषि निर्यात में भारत की हिस्सेदारी को दोगुना करना।
    • घरेलू किसानों को वैश्विक बाजारों में निर्यात के अवसरों का लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
    « »
    • SUN
    • MON
    • TUE
    • WED
    • THU
    • FRI
    • SAT
    Have any Query?

    Our support team will be happy to assist you!

    OR
    X