चर्चा में क्यों ?
राजस्थान सरकार ने 4 जुलाई 2025 को ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम योजना’ की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु :-
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है।
- योजना के पहले चरण में 5,000 गांवों को शामिल किया गया है।
उद्देश्य:- गरीबी से सम्मानजनक मुक्ति
- इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे परिवारों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगी ताकि वे रोज़गार, व्यवसाय और उद्यम में शामिल होकर सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
आर्थिक सहायता की व्यवस्था
- प्रत्येक चयनित परिवार को ₹1 लाख तक की सहायता दी जाएगी ताकि वे अपना स्वरोजगार या छोटा व्यवसाय शुरू कर सकें।
- महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को ₹15,000 तक की सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
गरीबी पर विजय पाने वालों को पुरस्कार
- जो परिवार गरीबी से ऊपर उठकर आत्मनिर्भर हो चुके हैं, उन्हें ₹21,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- यह राशि सीधे उनके सत्यापित बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
- उन्हें ‘आत्मनिर्भर परिवार कार्ड’ भी मिलेगा जो उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान का प्रमाण होगा।
- अब तक 22,400 पात्र परिवारों में से 17,891 बैंक खातों का सत्यापन हो चुका है।
पात्रता और परिवारों की पहचान
- सरकार ने 2002 के पुराने BPL रिकॉर्ड और नए सर्वेक्षण के आधार पर 5,002 गांवों में 30,631 गरीब परिवारों की पहचान की है।
- इसके अतिरिक्त, अब तक 61,000 से अधिक नए आवेदन भी प्राप्त हुए हैं।
प्रत्येक गांव के लिए विशेष कार्य योजना
प्रत्येक गांव के लिए अलग-अलग कार्य योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से:
- कौशल प्रशिक्षण
- स्वरोज़गार सहायता
- सरकारी योजनाओं से लिंक
- वित्तीय परामर्श
जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
प्रश्न :-हाल ही में किस राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम योजना की शुरुआत की है?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) बिहार
(c) राजस्थान
(d) मध्य प्रदेश
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