(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र) |
संदर्भ
भारत में 530 मिलियन से अधिक पशुधन हैं और साथ ही पालतू पशु रखने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि, अब तक पशुओं के लिए ब्लड बैंक और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की कोई राष्ट्रीय रूपरेखा या मानक प्रोटोकॉल नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार एक राष्ट्रीय पशु रक्त बैंक नेटवर्क (N-VBBN) स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।
क्या हैं मसौदा दिशा-निर्देश
- केवल स्वस्थ दाता पशु ही रक्तदान कर पाएंगे।
- दाता पशु को क्लिनिकली स्वस्थ होना चाहिए और किसी भी तरह की गंभीर बीमारी, टिक-बोर्न या वेक्टर-बोर्न रोग से मुक्त होना चाहिए।
- आयु एवं वजन की शर्तें तय की गई हैं, जैसे- कुत्ता 1-8 वर्ष आयु का और कम-से-कम 25 किलो का होना चाहिए, बिल्ली 1-5 वर्ष आयु की और न्यूनतम 4 किलो की होनी चाहिए।
- पशु पूर्ण रूप से टीकाकृत होना चाहिए, विशेषकर रेबीज़ के खिलाफ।
- गर्भवती और हाल ही में दूध पिलाने वाली मादा पशु रक्तदान नहीं कर पाएंगी।
- रक्तदान की आवृत्ति तय है जो कुत्ते के लिए हर 4-6 हफ्ते में और बिल्लियाँ के लिए 8-12 हफ्ते है।
कहाँ होंगे ये ब्लड बैंक
- पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में
- रेफरल अस्पतालों और पॉलीक्लिनिक में
- बड़े डायग्नोस्टिक सेंटर और मल्टीस्पेशियलिटी एनिमल हॉस्पिटल में
- ये केंद्र 24×7 संचालित होंगे।
रक्तदान से जुड़ी व्यवस्थाएँ
- ब्लड बैंक कम-से-कम 5 वर्ष तक सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखेंगे।
- इसमें दाता का रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य जाँच रिपोर्ट, रक्त संग्रह व लेबलिंग, भंडारण, ट्रांसफ्यूजन की निगरानी और अपशिष्ट प्रबंधन शामिल होंगे।
- रक्तदान पूरी तरह स्वैच्छिक और नि:शुल्क होगा।
राष्ट्रीय पशु रक्त बैंक नेटवर्क (N-VBBN) की भूमिका
- डिजिटली एकीकृत डोनर रजिस्ट्री: इसमें प्रजाति, नस्ल, स्थान और रक्त समूह का विवरण होगा।
- रियल-टाइम इन्वेंटरी मैनेजमेंट: देशभर के केंद्रों में रक्त और उसके घटकों की उपलब्धता का पता चलेगा।
- हेल्पलाइन व ऑनलाइन पोर्टल: आपात स्थिति में क्लीनिक और अस्पतालों को जोड़ने के लिए।
- मानकीकृत प्रोटोकॉल: सभी पंजीकृत रक्त बैंकों में एक समान कार्यप्रणाली अपनाने के लिए।
- भविष्य में मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित की जाएगी।
पशुओं के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता
- चोट या दुर्घटना में भारी रक्तस्राव
- गंभीर एनीमिया
- ऑपरेशन के दौरान रक्त की आवश्यकता
- संक्रमण या कोएगुलेशन डिसऑर्डर जैसी बीमारियाँ
- आपातकालीन व जीवनरक्षक चिकित्सा में महत्त्वपूर्ण
निष्कर्ष
भारत का पशुधन और पालतू पशु क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था व ग्रामीण आजीविका में बड़ी भूमिका निभाता है। ऐसे में पशुओं के लिए ब्लड बैंक नेटवर्क की स्थापना न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा देगी बल्कि पशुपालन क्षेत्र को आधुनिक और संरचित स्वास्थ्य सेवाओं से भी जोड़ेगी।