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रचनात्मकता एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा

(प्रारंभिक परीक्षा: सामाजिक एवं आर्थिक विकास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव)

 भूमिका 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 रटने की बजाय छात्रों में आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता एवं समस्या-समाधान पर ज़ोर देती है। चूँकि भारत ने विकसित भारत @2047 के तहत एक नवाचार-आधारित ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है अत: शिक्षा को नवाचार एवं राष्ट्र निर्माण की नींव बनना चाहिए।

उद्योग 5.0 के लिए तैयारी

  • AI, रोबोटिक्स एवं मशीन लर्निंग में तेज़ी से हो रही प्रगति के साथ शिक्षा को उभरती उद्योग की मांगों के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता है। वर्ष 2047 के संस्थानों को अंतर-विषय सीखने, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर ध्यान देना चाहिए। 
  • संस्थानों के भीतर नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने से छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्या-समाधान क्षमताओं के साथ सशक्त बनाया जाएगा।

AICTE की नवाचार पहल

  • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) निम्नलिखित के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देती ह-
    • स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) : दुनिया का सबसे बड़ा ओपन इनोवेशन मॉडल है जिसमें 15 लाख से ज़्यादा छात्र शामिल हैं।
    • KAPILA (कलाम IP साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम) : पेटेंट फाइलिंग में 247% की वृद्धि हुई।
    • संस्थानों की नवाचार परिषदें (IICs) : पूरे भारत में 16,300 से ज़्यादा परिषदें नवाचार संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं।
    • राष्ट्रीय नवाचार एवं स्टार्टअप नीति (NISP) : उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 3,000 से ज़्यादा संस्थानों द्वारा अपनाई गई।
    • AICTE नवाचार केंद्र : अनुसंधान सहयोग और IP व्यावसायीकरण के लिए केंद्र।
  • ये पहलें शैक्षणिक संस्कृति में रचनात्मकता को शामिल करती हैं, व्यावहारिक शिक्षा और तकनीक-संचालित समाधानों को बढ़ावा देती हैं।

स्कूल स्तर पर नवाचार

राष्ट्रीय स्कूल नवाचार प्रोत्साहन नीति 1.5 मिलियन स्कूलों में 250 मिलियन छात्रों के बीच समस्या-समाधान और उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देती है।

मुख्य पहलें

  • स्कूल इनोवेशन एंबेसडर प्रशिक्षण कार्यक्रम (SIATP): 14,120 स्कूलों के 26,800 शिक्षकों को निम्न 5 क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया- (1) डिज़ाइन थिंकिंग, (2) आइडिया जेनरेशन, (3) उद्यमिता, (4) IPR (5) वित्त और HR
  • स्कूल इनोवेशन काउंसिल (SICs): 20,000 से ज़्यादा स्कूलों में स्थापित, स्थानीय समस्या-समाधान को बढ़ावा देना और उच्च शिक्षा एवं उद्योग से जुड़ना।
  • डिज़ाइन थिंकिंग और इनोवेशन (DTI) मॉड्यूल: स्कूलों के लिए दुनिया का पहला संरचित DTI मॉड्यूल; 2,400 स्कूल और 1.3 लाख छात्र नामांकित। डिजिटल एवं अनुभवात्मक शिक्षा
  • SWAYAM जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिज़ाइन थिंकिंग एवं बौद्धिक संपदा अधिकार पर संरचित पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं जिससे नवाचार युक्त शिक्षा तक सबकी पहुँच आसान हो गई है।
  • AICTE, MIC व DoSEL द्वारा इनोवेशन डिज़ाइन एवं एंटरप्रेन्योरशिप (IDE) बूटकैंप ने 40 से अधिक स्थानों पर स्कूलों में 9,692 तथा हायर एजुकेशन में 10,000 से ज़्यादा भागीदारों को प्रशिक्षण दिया, जिससे उन्हें हैंड्स-ऑन अनुभव, मेंटरशिप और उद्योग जगत से जुड़ने का मौका मिला।

एक नए शैक्षिक युग की ओर

ये सामूहिक प्रयास शिक्षा के सभी स्तरों पर एक नवाचार-आधारित अकादमिक पारितंत्र को आकार दे रहे हैं। ये आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों के साथ मिलकर नवाचारियों (इनोवेटर्स), समस्या-समाधानकर्ता (प्रॉब्लम-सॉल्वर्स) और उद्यमियों (एंटरप्रेन्योर्स) की एक पीढ़ी तैयार कर रहे हैं। इस तरह शिक्षा को ‘नवाचार के लिए शिक्षा’ के रूप में फिर से परिभाषित किया जा रहा है जिसमें केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि निर्माण करना, प्रयोग करना और इनोवेशन करना शामिल है।

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