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डिजिटल ट्विन

(प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, रोबोटिक्स)

संदर्भ

‘डिजिटल ट्विन’ (Digital Twin) वर्तमान में तकनीक की बदलती दुनिया में तेजी से उभरता हुआ एक शब्द है। सरल शब्दों में कहें तो यह किसी वास्तविक वस्तु, मशीन या पूरी व्यवस्था की एक ऐसी डिजिटल फोटोकॉपी है जो केवल दिखती ही नही हैं बल्कि असली वस्तु की तरह व्यवहार भी करती है। 

क्या है डिजिटल ट्विन

  • डिजिटल ट्विन किसी भौतिक वस्तु (जैसे- कार, इंजन या भवन) का एक आभासी प्रतिनिधित्व (Virtual Representation) है। यह केवल एक 3D मॉडल नहीं है, बल्कि सेंसर एवं IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के जरिए अपनी वास्तविक वस्तु से संबंधित होता है। 
  • वास्तविक मशीन में जो हलचल होती है, डिजिटल ट्विन उसे तुरंत अपनी स्क्रीन पर दिखाता है। यह वस्तु के निर्माण से लेकर उसके समाप्त होने तक पूरे जीवनचक्र की निगरानी करता है।

कार्यप्रणाली 

डिजिटल ट्विन की कार्यप्रणाली को चार मुख्य चरणों में समझा जा सकता है:

  • डाटा संग्रहण: सर्वप्रथम वास्तविक वस्तु पर कई स्मार्ट सेंसर लगाए जाते हैं जो तापमान, दबाव एवं गति जैसे डाटा जुटाते हैं।
  • वर्चुअल मॉडलिंग: इस डाटा का उपयोग करके कंप्यूटर पर एक सटीक डिजिटल मॉडल बनाया जाता है।
  • लाइव एकीकरण: सेंसर से मिलने वाला डेटा लगातार डिजिटल मॉडल को अपडेट करता रहता है जिससे एक ‘फीडबैक लूप’ बनता है।
  • एनालिटिक्स और निर्णय: AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) इस डेटा का विश्लेषण करती है और भविष्य में होने वाली समस्याओं या सुधारों की भविष्यवाणी करती है।

डिजिटल ट्विन्स के प्रकार: सूक्ष्म से विशाल तक

डिजिटल ट्विन्स को उनकी जटिलता के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है:

  • कंपोनेंट ट्विन (Component Twins): किसी मशीन के एक छोटे हिस्से (जैसे- एक वाल्व या मोटर) की प्रतिकृति
  • एसेट ट्विन (Asset Twins): जब कई घटक मिलकर एक पूरी इकाई बनाते हैं (जैसे- एक पवन टरबाइन)
  • सिस्टम ट्विन (System Twins): यह दिखाता है कि अलग-अलग संपत्तियां मिलकर एक पूरा सिस्टम कैसे संचालित करती हैं (जैसे- पूरी बिजली ग्रिड)।
  • प्रोसेस ट्विन (Process Twins): यह सबसे बड़ा स्तर है जो पूरे कारखाने या आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) के कामकाज को दर्शाता है।

उद्योगों में क्रांति: उपयोग

डिजिटल ट्विन तकनीक आज लगभग हर क्षेत्र में बदलाव ला रही है:

  • विनिर्माण (Manufacturing): कारखानों में उत्पादन शुरू करने से पहले ही डिजिटल मॉडल पर परीक्षण कर लिया जाता है जिससे गलतियों की गुंजाइश खत्म हो जाती है।
  • स्वास्थ्य सेवा: डॉक्टरों के लिए किसी मरीज के दिल या अंग का डिजिटल ट्विन बनाना अब संभव है जिससे सर्जरी से पहले ही उसके परिणामों का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है।
  • शहरी नियोजन (Smart Cities): शहरों में ट्रैफिक जाम एवं विद्युत उपभोग को कम करने के लिए पूरे शहर का डिजिटल मॉडल बनाया जा रहा है।
  • ऊर्जा एवं विमानन: हवाई जहाज के इंजन व पावर ग्रिड की वास्तविक समय में निगरानी करके बड़े हादसों को टाला जा सकता है।

लाभ 

  • पूर्वानुमानित रखरखाव (Predictive Maintenance): मशीन खराब होने से पहले ही डिजिटल ट्विन बता देता है कि कौन सा हिस्सा बदला जाने वाला है। इससे समय एवं पैसा दोनों बचते हैं।
  • जोखिम रहित प्रयोग: बिना किसी भौतिक संसाधन को नुकसान पहुँचाए वर्चुअल वातावरण में नए प्रयोग किए जा सकते हैं।
  • दक्षता एवं बचत: हेक्सागॉन के 2025 के सर्वे के अनुसार, इसे अपनाने वाली 92% कंपनियों को 10% से अधिक का सीधा मुनाफा (ROI) हुआ है।

भविष्य की राह

  • डिजिटल ट्विन का बाजार केवल एक तकनीकी लहर नहीं बल्कि एक जरूरत बन चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2025 में जो बाजार 24.5 बिलियन डॉलर का है, वह 2032 तक बढ़कर 259.3 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
  • जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, डिजिटल ट्विन तकनीक हमारे रहने, काम करने और चीजों को बनाने के तरीके को पूरी तरह बदल देगी। यह भौतिक दुनिया की सीमाओं को डिजिटल दुनिया की अनंत संभावनाओं से जोड़ने वाला सेतु है।
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