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मानसून संकट से खाद्य पदार्थों की कीमत में वृद्धि 

प्रारम्भिक परीक्षा – मानसून (भूगोल ), खरीफ एवं रबी फसल ,एल नीनो,ला नीनो
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3

संदर्भ

  • केयर रेटिंग्स और बीओबी के अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष वर्षा में व्यापक स्थानिक और लौकिक भिन्नताओं के साथ-साथ निचले जलाशय भंडारण स्तर के कारण फसल उत्पादन और ग्रामीण आय पर असर पड़ सकता है।

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प्रमुख बिंदु 

  • अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मानसून के मौसम में व्यापक स्थानिक और लौकिक विविधताओं के साथ इस महीने हुई कमजोर बारिश से फसल उत्पादन और ग्रामीण आय पर असर पड़ सकता है, जबकि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। 
  • अगस्त में अब तक, वर्षा का स्तर भारत के दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से 32% कम है, जिससे इस वर्ष के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की कुल संख्या इसके दीर्घकालिक औसत से 8% कम हो गई है। 
  • दलहन (-8.3%), ज्वार (-7.7%) और तिलहन (-0.9%) जैसी फसलों के लिए ख़रीफ़ बुआई पिछले वर्ष की तुलना में कम है और निचले जलाशय स्तर (वर्तमान में 10 साल के औसत से नीचे) का भी समग्र रबी पर प्रभाव पड़ सकता है। वे फसल जिसकी सिंचाई पर निर्भरता अधिक होती है।  
  • बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री जाहन्वी प्रभाकर के अनुसार , ''मध्य, दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश देखी गई है।'' उन्होंने कहा, "इस कम बारिश का असर आने वाले महीनों में ऊंची कीमतों के रूप में दिखने की संभावना है।"
  • केयर रेटिंग्स के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में लिखा, "चूंकि खरीफ की बुआई गतिविधि अगस्त के अंत तक खत्म होने की उम्मीद है, इसलिए इन फसलों की बुआई में भारी सुधार होने की संभावना नहीं है।" 

मौसम 

  • मौसम वायुमंडल में दिन-प्रतिदिन होने वाला परिवर्तन है। इसको प्रभावित करने वाले कारकों में तापमान, वर्षा तथा सूर्य का विकिरण इत्यादि शामिल हैं। 

सामान्यतः भारत में प्रमुख मौसम होते हैं- 

  • दिसंबर से फरवरी तक ठंडा मौसम (सर्दी)
  • मार्च से मई तक गर्म मौसम (गर्मी)
  • जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम (वर्षा) 
  • अक्टूबर और नवंबर में मानसून के लौटने का मौसम (शरद)

शीत ऋतु

  • ठंडे मौसम में सूर्य की सीधी किरणें नहीं पड़ती हैं जिसके परिणामस्वरूप उत्तर भारत का तापमान कम हो जाता है।

ग्रीष्म ऋतु

  • गर्मी के मौसम में सूर्य की किरणें अधिकतर सीधी पड़ती हैं। तापमान बहुत अधिक हो जाता है। दिन के समय गर्म एवं शुष्क पवन बहती है जिसे लू कहा जाता है।

मानसून 

  • मानसून शब्द का जन्म अरबी भाषा के मौसिम शब्द से हुआ है। इस शब्द की उत्पत्ति अरब के समुद्री व्यापारियों ने की थी। समुद्री व्यापारिक चलने वाली हवा को मौसिम कहते थे, जिसे बाद में मानसून के रूप में जाना जाने लगा। 

भारत में मानसून कब आता है?

  • भारत में मानूसन सबसे पहले केरल पहुंचता है। आमतौर पर इसके केरल पहुंचने की तिथि एक जून तक की होती है। हालांकि, इसमें एक-दो सप्ताह की देरी भी देखी गई है। भारत में हिन्द महासागर और अरब सागर की ओर से दक्षिण-पश्चिम तट पर मानसून सबसे पहले पहुंचता है। इसके बाद मानसूनी हवाएं देश के दक्षिण और उत्तर दिशा की ओर बढ़ती हैं।

भारत में मानसून के प्रकार 

  • भारत में दो प्रकार के मानसून होते हैं। पहला ग्रीष्मकालीन मानसून और दूसरा शीतकालीन मानसून। भारत में दोनों मानसून का प्रभाव अलग-अलग समय में रहता है। भारत में ग्रीष्मकालीन मानसून अप्रैल से सितंबर तक रहता है और शीतकालीन मानसून अक्टूबर से मार्च तक रहता है। 
  • भारत में मानसून के दो शाखा हैं- पहला अरब सागर का मानसून और दूसरा बंगाल की खाड़ी का मानसून। ये दोनों भारत में बारिश करते हैं।  
  • मानसून की वापसी (परिवर्तनीय मौसम) अक्तूबर-नवंबर माह के दौरान होता है । 
  • उनके अनुसार, "अनियमित मानसून के कारण पैदावार में गिरावट और कम रकबा मांग-आपूर्ति में बेमेल का कारण बन सकता है, जिससे खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति का दबाव और बढ़ जाएगा।" 
  • उन्होंने कहा कि दालों और अनाजों में पहले से ही दोहरे अंक की मुद्रास्फीति देखी जा रही है। 
  • खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि कमजोर ग्रामीण मांग को और अस्थिर कर सकती है।
  • उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कमजोर मानसून फसल की पैदावार और कृषि आय को प्रभावित कर सकता है, जबकि वस्तुतः स्थिर मजदूरी, जो ग्रामीण घरेलू आय का 49% है, भी जोखिम पैदा करती है।  
  • “वैश्विक विकास [बढ़ती खाद्य कीमतें] और मौसम संबंधी अनिश्चितताओं के बीच, ग्रामीण मांग सबसे कमजोर बनी हुई है और उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और कम आय के दोहरे झटके से प्रभावित हो सकती है। महामारी के दौरान शुरू की गई सब्सिडी पर सरकार की बजटीय कटौती ग्रामीण मांग को और कमजोर कर सकती है।   

निष्कर्ष 

  • त्योहारी सीजन के दौरान उपभोग मांग बढ़ने की संभावना है, लेकिन मांग में वृद्धि की मात्रा मानसून की अनिश्चितता के कारण पड़ने वाली मार की सीमा पर निर्भर करेगी।  

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से भारतीय मानसून पर प्रभाव होता है?

  1. व्यापारिक पवन का 
  2. पछुआ पवन का 

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2

उत्तर - (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  इस वर्ष वर्षा कम होने से भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? चर्चा कीजिए।

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