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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

प्रतिवर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है।

  • आरंभ : संयुक्त राष्ट्र ने प्रथम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में वर्ष 1975 को अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष घोषित किया। 
  • उद्देश्य : महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक उपलब्धियों का उत्साह मनाना और महिलाओं की समानता को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई का आह्वान करना 
  • वर्ष 2025 का विषय : सभी महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए : अधिकार, समानता सशक्तिकरण (For ALL Women and Girls: Rights. Equality. Empowerment.) 
  • यह विषय सभी के लिए समान अधिकार, शक्ति एवं अवसर प्रदान करने तथा एक समावेशी भविष्य के लिए कार्य करने का आह्वान करता है। 
  • इस दृष्टिकोण का मुख्य लक्ष्य अगली पीढ़ी, विशेष रूप से युवतियों एवं किशोरियों को स्थायी परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना है।

  • अन्य प्रमुख बिंदु : वर्ष 2025 बीजिंग घोषणापत्र एवं कार्रवाई मंच की 30वीं वर्षगांठ भी है।
  • यह दस्तावेज़ दुनिया भर में महिलाओं एवं बालिकाओं के अधिकारों के लिए सबसे प्रगतिशील व व्यापक रूप से समर्थित है जो कानूनी सुरक्षा, सेवाओं तक पहुँच, युवाओं की भागीदारी एवं सामाजिक मानदंडों, रूढ़ियों व पुराने विचारों में बदलाव के मामले में महिला अधिकारों के एजेंडे को बदलता है।

महिला उत्थान के लिए संवैधानिक, कानूनी एवं नीतिगत हस्तक्षेप 

संवैधानिक प्रावधान 

भारतीय संविधान प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों एवं राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के प्रावधानों के माध्यम से लैंगिक समानता की गारंटी देता है। 

  • अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समता) : यह प्रावधान प्रत्येक नागरिक को ‘समानता के अधिकार’ की गारंटी देता है जिसमें कहा गया है कि राज्य देश के किसी भी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
  • अनुच्छेद 15(1) एवं अनुच्छेद 15(3) (भेदभाव का निषेध एवं विशेष प्रावधान) : जहाँ अनुच्छेद 15(1) राज्य द्वारा धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है, वहीं अनुच्छेद 15(3) राज्य को महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार देता है।
  • अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता) : यह प्रावधान महिलाओं को पुरुषों के बराबर सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत एवं महिला अधिकार : निदेशक सिद्धांतो के अंतर्गत अनुच्छेद 39 एवं 42, आजीविका के समान अवसर, समान वेतन एवं मातृत्व लाभ से संबंधित हैं। 

प्रमुख कानूनी प्रावधान

  • दहेज निषेध अधिनियम, 1961
  • घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005
  • बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 
  • पोक्सो अधिनियम, 2012 
  • कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013
  • आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 
  • तीन तलाक पर प्रतिबंध (2019) 
  • वन स्टॉप सेंटर (OSC)

नीतिगत प्रयास व योजनाएँ 

शिक्षा क्षेत्र 

  • निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (2015)
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 
  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय 

स्वास्थ्य एवं पोषण

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 
  • स्वच्छ भारत मिशन 
  • पोषण अभियान
  • उज्ज्वला योजना 
  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान 
  • जननी सुरक्षा योजना
  • जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम

आर्थिक सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन

  • प्रधानमंत्री जन-धन योजना 
  • स्टैंड-अप इंडिया योजना
  • मुद्रा योजना
  • एन.आर.एल.एम. के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह 
  • बैंक सखी मॉडल 
  • कामकाजी महिला छात्रावास (सखी निवास) 
  • स्टार्टअप में महिला उद्यमी

डिजिटल एवं तकनीकी सशक्तिकरण

  • डिजिटल इंडिया पहल
  • प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान
  • सामान्य सेवा केंद्र (CSC) 
  • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) 
  • महिला सशक्तिकरण के लिए संकल्प केंद्र 
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