New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM

लद्दाख द्वारा छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग

प्रारंभिक परीक्षा– लद्दाख, छठी अनुसूची
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 -सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय

सन्दर्भ 

  • हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया।
  • लद्दाख द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा तथा छठी अनुसूची के कार्यान्वयन के साथ-साथ कारगिल और लेह के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग की जा रही है।

समिति के कार्य

  • यह समिति लद्दाख की भौगोलिक स्थिति और सामरिक महत्व को देखते हुए क्षेत्र की अनूठी संस्कृति और भाषा के संरक्षण पर चर्चा करेगी। 
  • इसके अतिरिक्त, समिति को भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ लद्दाख के लोगों के लिए रोजगार सृजित करने के उपायों की सिफारिश करने का कार्य भी सौंपा गया है।
  • समिति समावेशी विकास की रणनीति बनाने के साथ-साथ लेह और कारगिल के लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी जिला परिषदों के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करेगी।

समिति के गठन की आवश्यकता

  • लद्दाख में विभिन्न नागरिक समाज समूह 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य को दिए गए विशेष दर्जे को संसद द्वारा हटाए जाने के बाद से ही भूमि, संसाधनों और रोजगार की सुरक्षा के लिए उपाय तैयार करने की मांग कर रहे हैं।
  • लद्दाख के लोगों में ऐसी चिंताएँ बढ़ रही हैं कि इन बदलावों के बाद बड़े व्यवसाय और समूह स्थानीय लोगों से नौकरियां और ज़मीन छीन सकते हैं।
  • लद्दाख में नागरिक समाज समूहों ने इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे हैं।
  • 2020 में, "छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा के लिए पीपुल्स मूवमेंट जिसे एपेक्स बॉडी लेह भी कहा जाता है, का गठन किया गया था। 
  • लद्दाख के नागरिक समाज समूहों ने घोषणा की, कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आगामी जिला स्वायत्त परिषद चुनावों का बहिष्कार करेंगे। 

संविधान की छठी अनुसूची

  • संविधान की छठी अनुसूची का उद्देश्य स्थानीय जनजातीय आबादी की भूमि, रोजगार और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना है। 
  • संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत छठी अनुसूची, स्वायत्त विकास परिषदों (ADCs) के निर्माण के माध्यम से स्थानीय और जनजातीय समुदायों की स्वायत्तता की रक्षा करती है जो भूमि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और कृषि पर कानून बना सकती हैं।
  • छठी अनुसूची के तहत राज्यपाल के पास एक नया स्वायत्त जिला/क्षेत्र बनाने या क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र या किसी स्वायत्त जिले या स्वायत्त क्षेत्र के नाम को बदलने की शक्ति है ।
  • यदि एक स्वायत्त जिले में विभिन्न जनजातियाँ हैं, तो राज्यपाल जिले को कई स्वायत्त क्षेत्रों में विभाजित कर सकता है। 
  • प्रत्येक स्वायत्त जिले में एक जिला परिषद होगी, जिसमें तीस से अधिक सदस्य नहीं होंगे, जिनमें से चार राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं जबकि शेष वयस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं। 
  • संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं या निर्दिष्ट संशोधनों और अपवादों के साथ लागू होते हैं।
  • छठी अनुसूची की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक कानून बनाने के लिए जिला परिषदों का अधिकार है। 
    • वे भूमि, जंगल, नहर के पानी, झूम खेती, ग्राम प्रशासन, संपत्ति की विरासत, विवाह और तलाक, सामाजिक रीति-रिवाजों आदि जैसे कुछ विशिष्ट मामलों पर कानून बना सकते हैं। 
    • हालाँकि, इस प्रावधान के तहत बनाए गए सभी कानूनों का तब तक कोई प्रभाव नहीं होगा जब तक कि राज्य के राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दी जाती है।
  • वर्तमान में, दस स्वायत्त विकास परिषद, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में मौजूद हैं।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, लद्दाख की कुल जनसंख्या 2,74,289 थी, और इसमें से लगभग 80% आदिवासी हैं।
  • सितंबर 2019 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR