2 अक्तूबर, 2025 को पद्म विभूषण से सम्मानित और बनारस घराने के पूरब अंग के अंतिम महान प्रतिपादकों में से एक पंडित छन्नूलाल मिश्र (1936-2025) का निधन हो गया। ये हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अग्रणी संगीतकारों में से एक थे।
पंडित छन्नूलाल मिश्र के बारे में

- जन्म : 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में
- बचपन का नाम : मोहन लाल मिश्र
- पत्नी : माणिक रानी मिश्र
- पिता : पंडित बद्री प्रसाद मिश्र
- प्रारंभिक गुरु : उस्ताद अब्दुल गनी खान (किराना घराना)
- पद्मभूषण ठाकुर जयदेव सिंह से भी इन्होंने संगीत की शिक्षा ली थी।
- गायन शैली : शास्त्रीय ख्याल और पूर्वी ठुमरी शैली
- यह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की उप-शैली हैं।
- पुरस्कार व सम्मान : सुर सिंगार संसद, शिरोमणि अवॉर्ड, नौशाद अवॉर्ड, यश भारती अवॉर्ड, बिहार संगीत शिरोमणि अवॉर्ड, लंदन म्यूजिक फेस्टिवल में सम्मान और ज्वेल ऑफ ठुमरी की उपाधि
- वर्ष 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित।
ठुमरी संगीत के बारे में

- ठुमरी हिंदुस्तानी संगीत का एक अर्ध-शास्त्रीय गायन रूप है, जिसे प्राय: ‘भारतीय शास्त्रीय संगीत का गीत’ कहा जाता है।
- इसकी उत्पत्ति पूर्वी उत्तर प्रदेश (मुख्यतः लखनऊ एवं बनारस) में 18वीं सदी ईस्वी के दौरान हुई थी, जिसे सादिक अली शाह ने विकसित किया था।
- इसका विषय मुख्यतः प्रेम, विरह एवं भक्ति के बारे में प्राय: राधा-कृष्ण प्रसंगों पर केंद्रित होता है।
- इसे प्राय: ब्रजभाषा, अवधी एवं हिंदी बोलियों में गाया जाता है, जिसमें उर्दू व संस्कृत का भी स्पर्श होता है।
- इसमें आशुरचना (Improvisation) की स्वतंत्रता होती है और राग व्याकरण के कठोरता से पालन की बजाय भाव पर ज़ोर दिया जाता है।
- यह कथक के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ और इसकी कथात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ाता है। यह होरी, कजरी, दादरा, झूला, चैती आदि से प्रभावित है।
ठुमरी के प्रकार
- पूर्वी ठुमरी (पूर्वी/धीमी गति): अधिक भावनात्मक व गीतात्मक और प्राय: बनारस घराने से संबंधित है।
- पंजाबी ठुमरी (तेज गति): ऊर्जावान, जीवंत, पटियाला घराने से संबंधित है।
ठुमरी के प्रमुख घराने
- बनारस घराना : गिरिजा देवी, रसूलन बाई, सिद्धेश्वरी देवी, छन्नूलाल मिश्र
- लखनऊ घराना : नवाब, बेगम अख्तर के अधीन दरबारी परिष्कार
- पटियाला घराना : लयबद्ध वादन के साथ जीवंत शैली