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विझिंजम बंदरगाह परियोजना का विरोध

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ 

केरल में निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह परियोजना के विरुद्ध अगस्त 2022 से शुरू हुआ  विरोध प्रदर्शन हाल ही में समाप्त हो गया है।

विझिंजम बंदरगाह परियोजना 

  • ‘विझिंजम इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट डीपवाटर बहुउद्देशीय बंदरगाह परियोजना’ केरल सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। 
  • इस बंदरगाह का निर्माण वर्ष 2015 से अडानी पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत केरल के तिरुवनंतपुरम से लगभग 20 किमी. दक्षिण में स्थित विझिंजम में किया जा रहा है। 
    • इसे डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (design, build, finance, operate and transfer : DBFOT) के आधार पर पी.पी.पी. घटक के साथ लैंडलॉर्ड पोर्ट मॉडल में विकसित किया जा रहा है। 

लैंडलॉर्ड पोर्ट मॉडल

  • लैंडलॉर्ड पोर्ट मॉडल में, सार्वजनिक रूप से शासित बंदरगाह प्राधिकरण एक नियामक निकाय और स्वामित्व अधिकारी (लैंडलॉर्ड) के रूप में कार्य करता है, जबकि निजी कंपनी बंदरगाह संचालन का कार्य करती हैं।   
  • इस मॉडल में बंदरगाह प्राधिकरण बंदरगाह के स्वामित्व को बनाए रखता है, जबकि बुनियादी ढांचा निजी फर्मों को पट्टे पर दिया जाता है जो कार्गो हैंडलिंग सेवाएँ प्रदान करती हैं और बंदरगाह से संबंधित बुनियादी ढ़ाँचे का रखरखाव करती हैं।

  • विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड (VISL) एक विशेष उद्देश्य वाली केरल सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी कंपनी है जो विझिंजम में ग्रीनफील्ड बंदरगाह के विकास के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। 

विझिंजम बंदरगाह से जुड़े मुद्दे

मछुआरों की मांगें 

  • बंदरगाह के निर्माण कार्य से तिरुवनंतपुरम तट के साथ तटीय कटाव में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों के घरों के नष्ट होने के साथ ही आजीविका के स्त्रोत भी प्रभावित हो रहे हैं। हाल ही में, तटीय कटाव के कारण लगभग 300 परिवारों को अपने घर को खोने के पश्चात् राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया था।
  • प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकार के समक्ष बंदरगाह के निर्माण को रोकने की मांग के अतिरिक्त अन्य मांगे भी प्रस्तुत की गयी है, जिसमें शामिल हैं- 
    • बंदरगाह के कार्य प्रभाव के आकलन के लिये एक वैज्ञानिक अध्ययन 
    • तटीय कटाव प्रभावित परिवारों का पुनर्वास
    • मौसम की चेतावनी जारी किये जाने वाले दिनों में मछुआरों को वित्तीय सहायता
    • नावों के लिये सब्सिडी वाले केरोसिन तेल
    • तटीय कटाव को कम करने के प्रभावी उपाय।

तटीय क्षरण और पारिस्थितिक संकट

  • समुद्र तट के निकट किये जा रहे निर्माण कार्य से समुद्र के कटाव में वृद्धि हो रही हैं। हालांकि तटीय कटाव केरल के सभी तटीय जिलों में एक प्रमुख समस्या है लेकिन यह तिरुवनंतपुरम के समुद्र तट के साथ अधिक गंभीर है। 
  • इस परियोजना के कारण ग्रेनाइट पत्थरों के खनन से मछुआरों की आजीविका, तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

विझिंजम बंदरगाह के लाभ

  • विझिंजम बंदरगाह भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। यह प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग और पूर्व-पश्चिम शिपिंग अक्ष (East-West Shipping Axis) से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर है।
  • इस बंदरगाह के विकास से केरल के अन्य क्षेत्रीय बंदरगाहों के विकास की संभावना है, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
  • प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के करीब स्थित यह बंदरगाह भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। इस बंदरगाह का रणनीतिक एवं सामरिक महत्त्व भी है। 
  • यह बंदरगाह ट्रांस-शिपमेंट ट्रैफिक के लिये कोलंबो, सिंगापुर और दुबई के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखता है।

सरकार की प्रतिक्रिया

  • विभिन्न जांच एजेंसियों के अनुसार इस क्षेत्र में हो रहा तटीय कटाव जलवायु परिवर्तन का एक परिणाम है इसीलिये सरकार ने बंदरगाह निर्माण परियोजना को रोकने की मांग को पूर्णत: खरिज कर दिया है।
  • सतत तटीय प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय केंद्र (NCSCM), सोसाइटी ऑफ इंटीग्रेटेड कोस्टल मैनेजमेंट और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा वर्ष 1972 से 2010 तक के 38 वर्षों की अवधि हेतु 'केरल तट के लिये तटरेखा मूल्यांकन' नामक एक अध्ययन जारी किया गया है, जिसके अनुसार बंदरगाह निर्माण से पहले भी तटीय कटाव त्रिशूर में न्यूनतम (1.5%) और तिरुवनंतपुरम (23%) में अधिकतम होता था।

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