New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM June End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 27th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM June End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 27th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

तेजी से बढ़ता वैश्विक जैव विविधता संकट

चर्चा में क्यों

इंटरगवर्नमेंटल साइंस-पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज (IPBES) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से बढ़ते वैश्विक जैव विविधता संकट के साथ ही पौधों और जानवरों की दस लाख प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।

रिपोर्ट के निष्कर्ष

  • विश्व में लोग प्रत्यक्ष रूप में जंगली मछली एवं जलीय अकशेरुकी जीवों की लगभग 7,500 प्रजातियों तथा 31,100 जंगली पौधों का उपयोग करते हैं, जिनमें पेड़ की 7,400, कवक की 1,500, जंगली स्थलीय अकशेरूकी की 1,700 तथा जंगली उभयचर, सरीसृप, पक्षियों एवं स्तनधारियों की 7,500 प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • मनुष्य भोजन, ऊर्जा, दवा एवं अन्य सामग्रियों के लिये 50,000 जंगली प्रजातियों पर निर्भर हैं। यह जैव विविधता क्षरण का एक प्रमुख कारण है।
  • जंगली पौधे, शैवाल एवं कवक विश्व भर में पाँच लोगों में से एक के लिये भोजन, पोषण विविधता और आय प्रदान करते हैं।
  • लगभग 2.4 अरब आबादी या वैश्विक आबादी का एक-तिहाई भाग, खाना पकाने के लिये ईंधन की लकड़ी पर निर्भर हैं। 
  • अति-शोषण को समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में जंगली प्रजातियों के लिये मुख्य खतरे तथा स्थलीय एवं मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्र में दूसरे सबसे बड़े खतरे के रूप में पहचाना गया है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR