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चिल्का झील में बढ़ती समुद्री घास

चर्चा में क्यों

हाल ही में, चिल्का विकास प्राधिकरण द्वारा जारी सर्वेक्षण के अनुसार, चिल्का झील में उपस्थित समुद्री घास के क्षेत्र में 33% की वृद्धि दर्ज की गई है। हालाँकि, वर्तमान में विश्व भर में समुद्री घास क्षेत्र में गिरावट देखी गई है।

सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु

  • चिल्का विकास प्राधिकरण वार्षिक आधार पर झील में वनस्पति और जीव सर्वेक्षण करता है।
  • वर्तमान में समुद्री घास झील के 172 वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत है, गत वर्ष यह क्षेत्र 169 वर्ग किमी. था।
  • चिल्का झील में समुद्री घास की पाँच प्रजातियाँ; होलोड्यूल यूनीनर्विस, होलोड्यूल पिनिफोलिया, हेलोफिला ओवलिस, हेलोफिला ओवाटा और हेलोफिला बेकारी दर्ज की गईं।
  • साथ ही, इस वर्ष झील में 156 इरावदी डॉल्फ़िन भी देखीं गईं।

समुद्री घास

  • समुद्री घास क्षेत्र जल पारिस्थितिकी तंत्र के अच्छे स्वास्थ्य के जैव-संकेतकों में से एक हैं। अतः झील में समुद्री घास की वृद्धि इसके स्वच्छ व बेहतर स्वास्थ्य को प्रदर्शित करती है।
  • समुद्री घास स्थल कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration) के माध्यम से जल शोधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कार्बन को समुद्र या नदी के तल में संगृहीत करते हैं।
  • किसी जल निकाय में इनकी उपस्थिति से जल की स्वच्छता, लवणता व पोषक तत्त्वों तथा जल प्रदूषण के स्तर को मापा जा सकता है।
  • समुद्री घास स्थल अत्यधिक उत्पादक होते हैं, यह पारिस्थितिक तंत्र और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण मछलियों के भोजन, प्रजनन और आश्रय स्थल के रूप में कार्य करते हैं।

चिल्का झील

  • चिल्का झील (ओडिशा) एशिया का सबसे बड़ा तथा विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लैगून है। 
  • यह भारत की पहली आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1981 में रामसर कन्वेंशन के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था।
  • चिल्का झील में पाई जाने वाली मुख्य जीव प्रजातियाँ हैं-
    • इरावदी डॉल्फ़िन- यह चिल्का झील में निवास करने वाली प्रमुख प्रजाति है। वर्तमान में यह एशिया में केवल चिल्का से लेकर इंडोनेशिया तक ही पाई जाती है।
    • प्रवासी पक्षी- चिल्का झील शीतकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवासी पक्षियों के लिये सबसे बड़ा आगमन स्थल है। यहाँ कैस्पियन सागर, बैकाल झील, अरल सागर, रूस के दूरदराज के क्षेत्रों, मंगोलिया, मध्य व दक्षिण पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय से प्रवासी जलपक्षी आते हैं। 
    • यूरेशियन ऊदबिलाव- यह मांसाहारी शिकारी होते हैं। इस वर्ष सर्वेक्षण में पहली बार चिल्का झील के दक्षिणी क्षेत्र में यूरेशियन ऊदबिलाव का एक समूह देखा गया।
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