एक समझौता ज्ञापन के तहत ब्रिटेन के विक्टोरिया एवं अल्बर्ट म्यूजियम से छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा प्रयोग किया जाने वाला ‘बाघ नख’ (Tiger Claws) भारत लाया गया। 
प्रमुख बिंदु
- बाघ नख को सात माह के लिए सतारा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा रहा है। 
 
- प्रसिद्ध मराठा शासक शिवाजी के सिंहासन पर बैठने की 350वीं वर्षगांठ के उत्सव के रूप में यह हथियार भारत लाया गया है। शिवा जी महाराज ने औपचारिक रूप से 1674 ई. में सिंहासन ग्रहण किया था।  
 

बाघ नख हथियार के बारे में
- यह बाघ के पंजे के आकार का हथियार है, जिसका उपयोग मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने किया था।
 
- इसका उपयोग आत्मरक्षा के लिए किया जाता है। इसका डिजाइन इस प्रकार होता है कि यह पूरी मुट्ठी में फिट हो सके। 
 
- यह लोहा व स्टील एवं दूसरी धातुओं से तैयार किया जाता है, जिसमें चार नुकीली मुड़ी हुई छड़ें होती हैं जो किसी बाघ के पंजे जैसी घातक होती हैं। 
 
- वर्ष 1818 में मराठा के पेशवा के प्रधानमंत्री ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ को भेंट कर दिया था। 
- वर्ष 1824 में डफ इसे अपने साथ इंग्लैंड लेकर चले गए। हालांकि, इस संबंध में कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। 
 
 
- ऐसा माना जाता है बाघ नख हथियार से ही शिवाजी ने 1659 ई. में बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खाँ की हत्या की थी।
- अफ़ज़ल ख़ाँ का वास्तविक नाम अब्दुल्ला भटारी था
 
 
शिवा जी से संबंधित कुछ प्रमुख पुस्तकें
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 पुस्तक 
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 लेखक एवं संबंधित तथ्य 
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 शिवाजी एंड हिज़ टाइम्स 
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 सर जदुनाथ सरकार 
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 शिवाजी द ग्रैंड रेबेल 
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 डेनिस किनकेड       
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 शिवाजी इंडियाज़ ग्रेट वॉरियर किंग 
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 वैभव पुरंदरे द्वारा रचित शिवाजी की जीवनी 
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 सभासद बखर 
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 शिवाजी के एक दरबारी कृष्णाजी अनंत सभासद द्वारा मराठी में रचित  
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