New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

अग्निपथ : सैनिक भर्ती की नई प्रक्रिया

संदर्भ

केंद्रीय कैबिनेट ने 14 जून, 2022 को सशस्त्र बलों के लिये सैनिकों की भर्ती के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। इस परिवर्तनकारी सुधार के तहत सरकार ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिये 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी प्रदान की है।

अग्निपथ और अग्निवीर

  • सैनिक भर्ती के लिये ड्यूटी के इस नये दौर के तहत भर्ती योजना को 'अग्निपथ’ (Agnipath) और भर्ती होने वाले सैनिकों को 'अग्निवीर’ (Agniveer) नाम दिया गया है।
  • इसके तहत सैनिकों या 'अग्निवीर' को चार वर्ष की अवधि के लिये भर्ती किया जाएगा और सेवा के अंत में उनकी सेवा के लिये प्रमाण पत्र या डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। जिसका उपयोग आगे की शिक्षा के लिये किया जा सकता है। 
  • इसका उद्देश्य छह महीने के अंतराल के साथ प्रत्येक वर्ष तीनों सेवाओं में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों की भर्ती करना है। 
  • इन सैनिकों को छह माह के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में सैनिकों की सेवावधि लगभग 17 से 20 वर्षों तक की है।
  • इन अग्निवीरों के कार्यकाल के अंत में इन भर्तियों में से 25% को आगे की सेवा के लिये शामिल किया जाएगा।

नियम एवं शर्तें

  • अग्निपथ योजना के तहत, अग्निवीरों को चार साल की अवधि के लिए संबंधित सेवा अधिनियमों के तहत बलों में नामांकित किया जाएगा। वे सशस्त्र बलों में एक अलग रैंक बनाएंगे, जो किसी भी मौजूदा रैंक से अलग होगी।

agneepath

  • साथ ही, किसी भी क्षेत्र और पृष्ठभूमि के किसी भी व्यक्ति को सभी रेजिमेंटों का हिस्सा बनने की इजाजत मिल जाएगी, वर्तमान में जिनमें से कुछ में सीमांकन हैं।
  • सशस्त्र बलों द्वारा समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। 

agniveer-scheme

  • इन आवेदनों पर उनकी चार साल की कार्यावधि के दौरान प्रदर्शन सहित उद्देश्य मानदंडों के आधार पर केंद्रीकृत तरीके से विचार किया जाएगा और प्रत्येक विशिष्ट बैच के 25% तक सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में नामांकित किया जाएगा।
  • चयन सशस्त्र बलों का अनन्य क्षेत्राधिकार होगा। इस वर्ष 46,000 अग्निशामकों की भर्ती की जाएगी।

योग्यता 

agniveer-yojna

  • सभी तीन सेनाओं के लिये एक ऑनलाइन केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से नामांकन किया जाएगा, जिसमें विशेष रैलियों और मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों, जैसे- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों एवं राष्ट्रीय कौशल योग्यता संरचना से कैंपस साक्षात्कार शामिल हैं। 
  • नामांकन 'ऑल इंडिया ऑल क्लास' के आधार पर होगा और पात्रता की आयु 17.5 से 21 वर्ष के बीच होगी। हालाँकि, पहली भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। अग्निवीर सशस्त्र बलों में नामांकन के लिये निर्धारित चिकित्सा पात्रता शर्तों को पूरा करेंगे।
  • विभिन्न श्रेणियों में नामांकन के लिए अग्निवीरों की शैक्षिक योग्यता यथावत रहेगी। उदाहरण के लिये जनरल ड्यूटी (GD) सैनिक में प्रवेश के लिये शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 है।

पैकेज एवं आर्थिक लाभ

  • अग्निवीरों को तीन सेनाओं में लागू जोखिम और कठिनाई भत्ते के साथ एक अनुकूलित मासिक पैकेज दिया जाएगा। चार साल की कार्यावधि के पूरा होने पर अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा, जिसमें उनका योगदान शामिल होगा जिसमें उस पर अर्जित ब्याज और सरकार से उनके योगदान की संचित राशि के बराबर योगदान शामिल होगा।
  • इसका स्वरुप नीचे दर्शाया गई सारणी के अनुरूप होगा है- 

वर्ष 

अनुकूलित पैकेज (मासिक)

हाथ में (70%)

अग्निवीर कॉर्पस फण्ड में योगदान (30%)

भारत सरकार द्वारा कॉर्पस फण्ड में योगदान

प्रथम वर्ष 

30000

21000

9000

9000

द्वितीय वर्ष

33000

23100 

9900

9900

तृतीय वर्ष

36500

25580

10950

10950

चतुर्थ वर्ष

40000

28000

12000

12000

अग्निवीर कॉर्पस फण्ड में चार वर्ष बाद कुल योगदान 

5.02 लाख रूपए 

5.02 लाख रूपए

4 वर्ष बाद बाहर निकलने पर 

11.71 लाख रुपए सेवा निधि पैकेज के रूप में (उपरोक्त राशि पर लागू ब्याज दरों के अनुसार संचित ब्याज सहित) का भी भुगतान किया जाएगा)

  • 'सेवा निधि' को आयकर से छूट दी जाएगी। ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा। अग्निवीरों को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी कार्यावधि के लिये 48 लाख रुपए का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
  • यदि कोई अग्निवीर दिव्यांग हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा शेष सेवा का भी वेतन मिलेगा।
  • इससे सरकार को पेंशन भुगतान में बचत का लाभ होगा। चालू वित्त वर्ष में रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों को पेंशन के लिये लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये है जोकि कुल रक्षा बजट का लगभग एक-चौथाई और रक्षा पूंजी अधिग्रहण आवंटन से अधिक है।

लाभ

  • सशस्त्र बलों की भर्ती नीति में परिवर्तनकारी सुधार।
  • युवाओं को देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का अधिक अवसर।
  • सशस्त्र बलों का प्रोफाइल युवा और ऊर्जावान।
  • अग्निवीरों के लिये आकर्षक वित्तीय पैकेज।
  • अग्निवीरों के लिये सर्वोत्तम संस्थानों में प्रशिक्षण लेने और उनके कौशल एवं योग्यता को बढ़ाने का अवसर।
  • सभ्य समाज में सैन्य लोकाचार के साथ अनुशासित और कुशल युवाओं की उपलब्धता।
  • सेवा से मुक्त होने के बाद अग्निवीरों के पास पुन: रोजगार एवं व्यवसाय के लिये पर्याप्त अवसर, कौशल, अनुशासन और वित्तीय प्रबंधन की व्यवस्था होगी, जो युवाओं के लिये रोल मॉडल के रूप में उभर सकते हैं।
  • यह योजना सशस्त्र बलों में युवा और अनुभवी कर्मियों के बीच एक अच्छा संतुलन सुनिश्चित करके और अधिक युवा व तकनीकी रूप से युद्ध लड़ने वाले बल को बढ़ावा देगी।

agniveer-yojna-india

अन्य लाभ एवं छूट

  • केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स भर्ती में अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की। गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में अग्निवीरों को तीन साल की छूट देने का भी फैसला किया।
  • रक्षा मंत्रालय की अन्य भार्तियों में आरक्षण प्रदान करने की घोषण की गई है। इसके अतिरिक्त कई अन्य मंत्रालयों, विभागों और निजी संस्थाओं ने भी इनको प्राथमिकता प्रदान करने की घोषणा की है। 
  • कई राज्य सरकारों ने भी इसके लिये विशेष प्रावधान किये हैं, जैसे- उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य सरकारों ने पुलिस सेवा एवं संबंधित सेवाओं में इनको प्राथमिकता देने की घोषण की है। 

चिंताएँ

  • विशिष्ट ऑपरेशनों के लिये दीर्घकालिक एवं विशिष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, अल्प समय के प्रशिक्षण और कार्यकाल से इनकी सेवा पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।
  • वर्तमान प्रणाली के तहत पेंशन के साथ लगभग 20 वर्षों की सेवा की तुलना में अधिकांश सैनिक अब बिना पेंशन के केवल चार वर्ष ही सेवा देंगे।
  • अग्निपथ स्‍कीम या 'टूर ऑफ ड्यूटी' पहले से जांची-परखी नहीं है और न ही यह कोई प्रायोगिक परियोजना है। सीधे इसका कार्यान्वयन किया जा रहा है। इससे समाज का सैन्यीकरण होने की चिंताएँ हैं।
  • सेवा समाप्ति के बाद अधिक संख्या में प्रशिक्षित ये युवा यदि गलत दिशा में भटक जाते हैं तो उनको नियंत्रित करना मुश्किल होगा।  
  • इससे भारत-नेपाल संबंध के भी प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि पेंशन लाभ समाप्त होने एवं अन्य प्रावधानों से लंबे समय के लिये मानव-से-मानव संबंधों में कमी आएगी।  
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR