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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर : भारत में स्थिति एवं संबंधित मुद्दे

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) भारत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की आधारशिला है, जो देश के निवासियों का डाटाबेस तैयार करता है। जनगणना-2027 के लिए NPR को अपडेट करने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है, जिससे इसकी प्रासंगिकता एवं कार्यान्वयन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के बारे में 

  • परिभाषा 
    • NPR एक ऐसा डाटाबेस है जो भारत में सामान्य निवासियों की व्यक्तिगत एवं घरेलू जानकारी संग्रहित करता है।
    • यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बनाने का पहला कदम है जो नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियम, 2003 के तहत तैयार किया जाता है।
  • उद्देश्य
    • देश के निवासियों की पहचान और जनसांख्यिकीय जानकारी एकत्र करना
    • सरकारी योजनाओं और नीतियों के लिए डाटा प्रदान करना
    • NRC के लिए आधार तैयार करना
    • NRC का उपयोग नागरिकता सत्यापन के लिए होता है।
  • प्रक्रिया
    • NPR डाटा जनगणना के पहले चरण (हाउस लिस्टिंग एवं हाउसिंग- HLO) के साथ एकत्र किया जाता है।
    • इसमें व्यक्तिगत जानकारी, जैसे- नाम, आयु, लिंग एवं अन्य विवरण शामिल होते हैं।

NPR की विशेषताएँ  

  • व्यक्तिगत डाटा : NPR में प्रत्येक निवासी व उनके घर की जानकारी शामिल होती है, जैसे- नाम, जन्म तिथि, पता एवं वैवाहिक स्थिति।
  • डाटा साझाकरण : यह जनगणना डाटा के विपरीत होता है जो केवल समग्र रूप में साझा किया जाता है, जबकि NPR डाटा केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ व्यक्तिगत रूप में साझा किया जा सकता है।
  • वैधानिक आधार : NPR नागरिकता अधिनियम, 1955 और जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत संचालित होता है।

अंतिम NPR अपडेट

  • NPR को पहली बार वर्ष 2010 में 2011 की जनगणना के साथ तैयार किया गया, जिसमें 119 करोड़ निवासियों का डाटा संग्रहित हुआ।
  • वर्ष 2015-16 में NPR डाटाबेस को अपडेट किया गया।
  • जनगणना-2027 के लिए NPR अपडेट पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

वर्तमान परिदृश्य

  • 2027 जनगणना की तैयारी
    • जनगणना का पहला चरण अप्रैल 2026 में शुरू होगा और दूसरा चरण (जनसंख्या गणना) फरवरी 2027 में होगा।
    • यह स्वतंत्र भारत की पहली ऐसी जनगणना होगी जिसमें जाति डाटा शामिल होगा किंतु इसका प्री-टेस्ट प्रश्नावली में शामिल नहीं किया गया है।
    • भारत में 2027 की जनगणना 2011 की सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना (SECC) से काफी भिन्न होगी क्योंकि इस बार सभी नागरिकों की जाति गणना को सीधे तौर पर शामिल किया जाएगा।
  • प्री-टेस्ट (अगस्त-सितंबर 2025)
    • प्री-टेस्ट में केवल घरेलू सुविधाओं (Household Amenities) से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे।
    • NPR एवं जनसंख्या गणना (दूसरे चरण) के प्रश्नों का परीक्षण नहीं होगा, जिससे NPR अपडेट पर अनिश्चितता बनी हुई है।
  • प्रशिक्षण एवं तकनीक
    • गणनाकर्ताओं (Enumerators) का प्रशिक्षण जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा।
    • पहली बार मोबाइल ऐप्स का उपयोग डाटा संग्रह के लिए किया जाएगा।
  • विवाद
    • वर्ष 2019 में NPR के कुछ प्रश्नों (जैसे- माता-पिता का जन्म स्थान) पर पश्चिम बंगाल एवं केरल जैसे विपक्षी शासित राज्यों ने आपत्ति जताई थी।
    • वर्ष 2019-20 में NPR एवं NRC के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए क्योंकि इसे नागरिकता सत्यापन से जोड़ा गया।

NPR के प्रभाव

  • सकारात्मक प्रभाव
    • नीति निर्माण : NPR डाटा सरकार को योजनाओं (जैसे- स्वास्थ्य, शिक्षा) के लिए सटीक जानकारी प्रदान करेगा।
    • नागरिकता सत्यापन : यह NRC के लिए आधार प्रदान करेगा, जिससे अवैध प्रवास पर नियंत्रण संभव होगा।
    • डिजिटल प्रगति : मोबाइल ऐप्स से डेटा संग्रह तेज और पारदर्शी होगा।
    • जाति डाटा : 2027 जनगणना में जाति डाटा सामाजिक नीतियों (जैसे- आरक्षण) को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
  • नकारात्मक प्रभाव
    • विवाद एवं डर : NPR को NRC से जोड़ने के कारण नागरिकों की नागरिकता समाप्त होने का भय
    • विपक्षी विरोध : कुछ राज्यों में NPR पर सहमति की कमी से कार्यान्वयन में समस्या 
    • गोपनीयता चिंताएँ : व्यक्तिगत डाटा साझाकरण से गोपनीयता उल्लंघन का जोखिम
    • संसाधन बोझ : डाटा संग्रह एवं प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर संसाधनों की आवश्यकता

सरकार की भूमिका

  • स्पष्ट नीति एवं संवाद 
    • NPR एवं NRC के बीच अंतर को स्पष्ट करना, ताकि जनता में भय कम हो।
    • सभी राज्यों के साथ परामर्श करके सहमति बनाना।
  • पारदर्शिता
    • NPR प्रश्नावली को गजट में अधिसूचित करना और सार्वजनिक चर्चा के लिए उपलब्ध कराना
    • डाटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत नियम लागू करना
  • जागरूकता अभियान
    • NPR के लाभों (जैसे- बेहतर नीति निर्माण) पर जन जागरूकता बढ़ाना 
    • गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए प्रचार अभियान चलाना 
  • तकनीकी एवं प्रशिक्षण 
    • गणनाकर्ताओं को मोबाइल ऐप्स एवं डाटा सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण देना 
    • प्री-टेस्ट में NPR एवं जाति आधारित प्रश्नों को शामिल करके प्रक्रिया को मजबूत करना
  • राज्यों के साथ सहयोग
    • विपक्षी राज्यों की चिंताओं को संबोधित करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना
    • क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्नावली उपलब्ध कराना
  • जाति डाटा प्रबंधन
    • जाति गणना के लिए स्पष्ट व वैज्ञानिक पद्धति विकसित करना 
    • सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए डाटा का उपयोग करना

निष्कर्ष

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) भारत में नीति निर्माण एवं नागरिकता सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है किंतु इसके कार्यान्वयन पर अनिश्चितता एवं विवाद बना हुआ है। वर्ष 2027 की जनगणना में NPR अपडेट का निर्णय सरकार की प्राथमिकताओं एवं राज्यों के सहयोग पर निर्भर करेगा। पारदर्शिता, जागरूकता एवं तकनीकी प्रगति के साथ NPR को प्रभावी बनाया जा सकता है जो देश के विकास व सामाजिक समावेशन में योगदान देगा।

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