(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 16 दिसंबर, 2025 को इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह सम्मान अदीस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी को भारत और इथियोपिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान तथा एक वैश्विक नेता के रूप में उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने वाले विश्व के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं।
भारत–इथोपिया संबंध
- दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच व्यापार एवं निवेश, नवाचार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, स्वास्थ्य, कौशल एवं क्षमता निर्माण तथा बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग जैसे अनेक विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले इथियोपियाई विद्यार्थियों के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्तियों की संख्या अब दोगुनी की जाएगी।
- प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2023 में भारत की G 20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दिलाने में भारत की भूमिका को भी स्मरण किया।
- प्रधानमंत्री अबी अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत और इथियोपिया के संबंध व्यापार, संस्कृति, शिक्षा एवं कूटनीति के माध्यम से हजारों वर्षों से चले आ रहे हैं तथा ये आपसी सम्मान पर आधारित मजबूत संबंधों को निरंतर आकार दे रहे हैं।
- उन्होंने अफ्रीका के नेतृत्व वाली विकास साझेदारियों पर भारत के जोर का स्वागत करते हुए कहा कि यह दृष्टिकोण इथियोपिया की ‘अफ्रीकी स्वामित्व’ एवं ‘अफ्रीकी परिभाषा’ वाले विकास मॉडल के पूरी तरह अनुरूप है।
- आर्थिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री अबी अहमद ने बताया कि इथियोपिया की अर्थव्यवस्था में पिछले वर्ष 9.2% की वृद्धि दर्ज की गई थी और चालू वर्ष में इसके 10.3% तक पहुँचने की संभावना है।
- उन्होंने कहा कि इथियोपिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत भारत है जहाँ 615 से अधिक भारतीय कंपनियाँ सक्रिय हैं। उनके अनुसार, द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का निर्णय दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास का परिणाम है।