भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में नवनिर्मित ‘परम वीर दीर्घा’ का उद्घाटन किया। यह दीर्घा भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘परम वीर चक्र’ से सम्मानित 21 वीर योद्धाओं के अदम्य साहस एवं बलिदान को समर्पित है।
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पुराना नाम/प्रतीक |
नया नाम/बदलाव |
महत्व |
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राजपथ |
कर्तव्यपथ |
सेवा व उत्तरदायित्व का प्रतीक |
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मुगल गार्डन |
अमृत उद्यान |
भारतीयता का समावेश |
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पोर्ट ब्लेयर |
श्री विजयपुरम |
स्वतंत्रता संग्राम की जीत का प्रतीक |
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रेस कोर्स रोड |
लोक कल्याण मार्ग |
जनहित को समर्पित नाम |
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रॉस, नील एवं हैवलॉक द्वीप |
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद व स्वराज द्वीप |
क्रांतिकारियों को सम्मान |
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नौसेना ध्वज (सेंट जॉर्ज क्रॉस) |
शिवाजी महाराज की राजमुद्रा वाला अष्टभुज |
समुद्री इतिहास का गौरव |
मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार एवं मानद कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एम.एम.,सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, जी.एस. सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच. अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कप्तान विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कप्तान) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव के नाम पर रखा गया है।
केंद्र सरकार की ये विभिन्न पहलें केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह आधुनिक भारत के मानस से औपनिवेशिक विरासत को खत्म कर ‘स्वदेशी गौरव’ एवं ‘आत्मनिर्भर पहचान’ को स्थापित करने का एक व्यापक प्रयास है।
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