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कार्नेलियन मोती  (Carnelian beads)

प्रारंभिक परीक्षा - कार्नेलियन मोती (Carnelian beads)
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-

चर्चा में क्यों

कीलाडी (Keeladi) में उत्खनन के समय दो कार्नेलियन मोती मिले हैं, जिससे तमिलनाडु और भारत के पश्चिमी क्षेत्रों विशेष रूप से महाराष्ट्र एवं गुजरात के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक संबंधों की पुष्टि होती है।

Carnelian-beads

प्रमुख बिंदु 

  • कार्नेलियन मोती आमतौर पर गुजरात और महाराष्ट्र में पाए जाते हैं
  •  कार्नेलियन मोती खुदाई के दौरान कोंथागई में दफन स्थल पर एक कलश के भीतर पाए गए थे।
  • पिछले वर्ष कीलाडी क्षेत्र में 74 कार्नेलियन मोतियों का भी पता लगाया गया था।
  • कीलाडी दक्षिण तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में एक छोटा सा गांव है । 
  • यह मदुरै से लगभग 12 किमी दक्षिण-पूर्व में है और वैगई नदी के किनारे स्थित है।

कार्नेलियन मोती

  • कार्नेलियन मोती रत्नों से बनी छोटी सजावटी वस्तुएँ हैं। 
  • कार्नेलियन लाल-भूरे नारंगी रंग की चाल्सडनी (chalcedony) किस्म है, जो एक प्रकार का माइक्रोक्रिस्टलाइन क्वार्ट्ज है।
  • ये मोती बेशकीमती हैं और सदियों से आभूषण और सजावटी उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं।
  • एक मनका लहरदार पैटर्न और रेखाओं को उकेरा गया है।
  • मनका 1.4 सेमी लंबा और 2 सेमी चौड़ा है।

प्रश्न:  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. कार्नेलियन मोती आमतौर पर गुजरात और महाराष्ट्र में पाए जाते हैं
  2. कीलाडी (Keeladi) में उत्खनन के समय दो कार्नेलियन मोती मिले हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

 (a) केवल 1  

(b) केवल 2  

(c) कथन 1 और 2 

(d) न तो 1 ना ही 2 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : कीलाडी (Keeladi) में उत्खनन से प्राप्त कार्नेलियन मोती के महत्व का उल्लेख कीजिए।

स्रोत:the hindu

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