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हवाना सिंड्रोम

(प्रारम्भिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान}
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र– 3: विषय- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रोद्योगिकी)

संदर्भ

हाल ही में, अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ (NAS) द्वारा एक रिपोर्ट में निर्देशित माइक्रोवेव विकिरण (Directed Microwave Radiation) को हवाना सिंड्रोम का प्रमुख कारण बताया गया है।

हवाना सिंड्रोम:

  • वर्ष 2016 के उत्तरार्ध की एक घटना में, हवाना (क्यूबा की राजधानी) में तैनात अमेरिका के राजनयिक और अन्य कर्मचारियों को अजीब सी आवाज़े सुनाई देने लगी थीं और शरीर में आंतरिक रूप से दर्द होने लगा था, जिसके बाद सभी बीमार पड़ गए थे।
  • इसके मुख्य लक्षणों में मतली, तेज़ सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, नींद की समस्याएँ और बहरापन आदि शामिल थे, जिन्हें हवाना सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
  • कुछ कर्मचारी बाद में इस सिंड्रोम से उबर गए थे लेकिन कुछ कर्मचारियों में इसके लक्षण अभी तक बने हुए हैं।
  • क्यूबा के अधिकारियों ने इस प्रकार की किसी भी बीमारी की जानकारी से मना कर दिया था, लेकिन अमेरिका ने उनपर ‘सोनिक अटैक’ का आरोप लगाया था।

हवाना सिंड्रोम पर शोध

  • शोधकर्ताओं ने हवाना सिंड्रोम के लक्षणों की व्याख्या करने के लिये लगभग 40 सरकारी कर्मचारियों के लक्षणों में चार सम्भावनाओं की जाँच की - संक्रमण, रसायन, मनोवैज्ञानिक कारक और माइक्रोवेव ऊर्जा।
  • रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि निर्देशित की हुई स्पंदित रेडियो फ्रीक्वेंसी (Pulsed RF) ऊर्जा इसका प्रमुख कारण हो सकती है।

‘माइक्रोवेव हथियार’ क्या हैं?

  • माइक्रोवेव हथियार एक प्रकार के प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार (Direct Energy Weapons- DEWs) होते हैं, जो अपने लक्ष्य को अत्यधिक केंद्रित ऊर्जा के रूपों (ध्वनि, लेज़र या माइक्रोवेव के रूप में) द्वारा लक्षित करते हैं।
  • इसमें उच्च-आवृत्ति के विद्युत चुम्बकीय विकिरण की बीम द्वारा मानव त्वचा को लक्षित किया जाता है, जिससे दर्द और असहजता होती है।
  • इनकी तरंगदैर्ध्य एक मिमी. से लेकर एक मीटर तक होती है, जबकि इनकी आवृत्ति 300 मेगाहर्ट्ज (100 सेंटीमीटर) और 300 गिगाहर्ट्ज (0.1 सेंटीमीटर) के बीच होती है।
  • इन्हें हाई-एनर्जी रेडियो फ्रीक्वेंसी भी कहा जाता है।
  • माइक्रोवेव जिस तरह से घर में काम करता है उसी तरह से ये हथियार भी काम करते हैं।
  • इसमें एक मैग्नेट्रॉन होता है जो माइक्रोवेव तरंगें भेजता है। ये तरंगें जब किसी खाद्य पदार्थ से होकर गुज़रती हैं तो वो गर्मी पैदा करती हैं। ये हथियार भी इसी सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
  • इस तरह के हथियार बेहद घातक होते हैं। हालाँकि, इस तरह के हथियारों से किये गए हमलों में शरीर के ऊपर बाहरी चोट के निशान या तो होते नहीं हैं या काफी कम होते हैं लेकिन ये शरीर के अंदरूनी हिस्‍सों को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं।
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