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इज़राइल-फिलिस्तीन विवाद 

प्रारंभिक परीक्षा- येरूशलम,अल-अक्सा मस्जिद,गाजा पट्टी,शेख जर्राह,वेस्ट बैंक
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ-

  • अक्टूबर 2023 गाजा पट्टी से हमास द्वारा इज़रायल पर हज़ारों रॉकेट दागे गए और उसके सैकड़ों उग्रवादी विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए इज़रायल में घुस आए। उन्होंने सीमा के निकट बसे इज़रायली नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियाँ बरसाईं और 100 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। 

विवाद का कारण-

  • इजराइल का गठन संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव तथा ब्रिटेन के League of Nation mandate से हुआ था। 
  • यहूदियों  के लिए एक अलग देश की मांग यूं तो बहुत पहले से हो रही थी, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों के ऊपर जो अत्याचार हुए थे, विशेषकर हिटलर द्वारा इसके फलस्वरूप यहूदियों के लिए अलग राज्य के मांग को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला।
  • इस विवाद को अगर हम ध्यान से देखें तो ऐसा लगता है कि यह संघर्ष कभी राष्ट्रवादी नहीं रहा है अपितु धार्मिक राजनीति की उपज मात्र है।
  • इज़राइल-फिलिस्तीन विवाद का सबसे बड़ा कारण येरूशलेम पर आधिपत्य स्थापित करना है, क्योंकि यह यहूदी , इसाई और इस्लाम का धार्मिक स्थल है। इसलिये इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों इसे अपनी राजधानी बनाना चाहते हैं। 
  • शहर को विभाजित करने का तरीका इजरायल और फिलीस्तीनियों को विभाजित करने वाले मूलभूत मुद्दों में से एक रहा है। अगर धार्मिक इतिहास का आकलन करें तो यहूदी धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म से पूर्व का धर्म है। 
  • 1920 का टकराव फिलीस्तीनी राष्ट्रवाद के उद्भव का प्रमुख कारक सिद्ध हुआ और अंततः 1947 में इजरायल-फिलिस्तीनी विवाद  में बढ़ोतरी हुई तथा बाद में यह विवाद अरब-इजरायल विवाद में तब्दील हो गया।

1.फिलिस्तीन का पक्ष -

  • दोनों पक्षों के मध्य चल रहे इस संघर्ष के बीच फिलिस्तीन चाहता है कि वर्ष,1948 से पूर्व फिलिस्तीन के लोगों की जो स्थिति थी उसे फिर से बहाल करना चाहिए तथा उन्हीं भौगोलिक स्थितियों पर फिलिस्तीन के शरणार्थियों को फिर से स्थापित किया जाना चाहिए।
  • फिलिस्तीन की मांग है कि गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक का पूरा का पूरा क्षेत्र फिलिस्तीन को दे दिया जाना चाहिए और वहाँ पर फिलिस्तीन के स्वायत्त शासन को स्वीकार किया जाना चाहिए।
  • फिलिस्तीन का कहना है कि येरुशलम को पश्चिमी और पूर्वी दो हिस्सों में विभाजित किया जाना चाहिए। इनमें से पश्चिमी हिस्से पर बेशक इजरायल का अधिकार सुनिश्चित कर दिया जाए, लेकिन पूर्वी हिस्से को फिलिस्तीन को दे दिया जाना चाहिए तथा इसे फिलिस्तीन देश की राजधानी स्वीकार किया जाना चाहिए।

2.इजरायल का पक्ष -

  • इजरायल का कहना है कि पूरे येरुशलम पर केवल इजरायल का आधिपत्य होना चाहिए और इजरायल की उस पर संपूर्ण संप्रभुता प्रदान की जानी चाहिए।
  • वैश्विक स्तर पर इजरायल को एक यहूदी देश के रूप में मान्यता प्रदान की जानी चाहिए और येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।
  • वर्तमान में इजरायल की राजधानी ‘तेल अवीव’ है, लेकिन इजरायल के राष्ट्रवादी लोग यरुशलम को जल्दी से जल्दी इजरायल की मुख्य राजधानी बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

दोनों देशों के मध्य विवाद के प्रमुख स्थल-

Palestine

1.येरूशलम- 

  • येरूशलम मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों का एक पवित्र प्राचीन शहर है।
  • पश्चिमी येरूशलम पर 1948 से इजरायल का कब्जा है, यहां यहूदी बहुसंख्यक हैं। 
  • वहीं पूर्वी येरूशलम में फिलिस्तीनी बहुसंख्यक हैं. इस हिस्से में अल-अक्सा मस्जिद परिसर सहित येरूशलम का पुराना शहर है। 1967 में इजरायल ने इस इलाके पर कब्जा कर लिया।
  • 1980 में इजरायल ने येरूशलम कानून पारित किया, जिसमें कहा गया कि "येरूशलम पूर्ण और एकजुट इजरायल की राजधानी है"। फिलिस्तीन इसका विरोध करता आया है। 
  • संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार, इसे अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण के अधीन रखने का फैसला किया गया था।

Jerusalem -map

यरूशलम का मानचित्र

2.अल-अक्सा मस्जिद –

  • यह स्थल येरूशलम के पुराने शहर का अंग है जो ईसाइयों, यहूदियों और मुसलमानों- तीनों के लिए ही पवित्र है।
  • अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। इसके अलावा यहूदी भी इसे अपना सबसे पवित्र स्थल मानते हैं. दोनों इस पर अपना-अपना दावा करते हैं, जो विवाद की एक और वजह है।
  • यहूदियों के लिए 'टेंपल माउंट' और मुसलमानों के लिए 'अल-हरम अल शरीफ' के नाम से मशहूर इस पवित्र स्थल में 'अल-अक्सा मस्जिद' और 'डोम ऑफ द रॉक' शामिल हैं। 
  • 'डोम ऑफ द रॉक' को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है। 
  • पैगंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण 'डोम ऑफ द रॉक' को मुसलमान भी पावन स्थल मानते हैं।

Al-Aqsa-Mosque

3.गाजा पट्टी –

  • यह मिस्त्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है। इस पर हमास का शासन है। 
  • 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद नवगठित गाजा पट्टी पर मिस्र का शासन था।
  • लेकिन 1967 में हुए छह दिवसीय युद्ध में इजरायल ने इस पर फिर से कब्जा कर लिया। 
  • 1993-94 में हस्ताक्षरित ओस्लो समझौते के तहत फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) को गाजा पट्टी का स्थानांतरण कर दिया गया।
  • 2005 में इजरायल ने गाजा पट्टी से अपने सभी सैनिकों और निवासियों हटा लिया। 
  • इसके बाद साल 2006 में हमास ने गाजा में चुनाव जीता। एक साल बाद हमास ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) के सुरक्षा बलों को हटाकर गाजा पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया।
  • गाजा पट्टी पर डेढ़ दशक से ज्यादा के शासन काल में हमास और इजरायल के बीच संघर्ष जारी रहा है। दोनों ओर से लगातार हमले होते रहें जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई है।

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4.शेख जर्राह-

  • शेख जर्राह पूर्वी येरुशलम के उत्तर में स्थित है।
  • वर्ष 1948 में जब ऐतिहासिक फिलिस्तीनी भू-भाग में इज़रायइल की स्थापना हुई, तो लाखों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया।
  • उन फिलिस्तीनी परिवारों में से कुछ परिवार इस शहर में जाकर बस गए थे।

5.वेस्ट बैंक-

  • वेस्ट बैंक एक स्थलरुद्ध क्षेत्र है, जो इज़राइल और जॉर्डन के बीच स्थित है।
  • इसमें पश्चिमी मृत सागर का एक बड़ा भाग भी शामिल है।
  • प्रथम अरब-इजरायल युद्ध के दौरान इस पर जॉर्डन ने कब्ज़ा कर लिया था, लेकिन वर्ष 1967 के छह-दिवसीय युद्ध के दौरान इज़रायल ने इसे वापस ले लिया और उसी समय से इस पर उसका नियंत्रण है।

isreal

इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष में विभिन्न देशों के दृष्टिकोण -

  • इस संघर्ष में अमेरिका ने स्पष्ट रूप से इजरायल का पक्ष लिया है। 
  • अमेरिका का मानना है कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है और अपनी आत्मरक्षा करने के दौरान यदि वह किसी दूसरे देश पर सैनिक कार्यवाही करता है तो इसे किसी भी दृष्टि से अनुचित नहीं ठहराया जा सकता है।
  • अमेरिका के इस पक्षधारिता का मुख्य कारण अमेरिका में यहूदियों की आबादी इजरायल में उपस्थित यहूदियों की आबादी से कहीं अधिक है। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका की अर्थव्यवस्था और तकनीक के क्षेत्र में यहूदियों का बहुमूल्य योगदान है। 
  •  तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों ने खुलकर फिलिस्तीन का पक्ष लिया है और उन्होंने फिलिस्तीन के दावे को मूर्त रूप देने पर बल दिया है।
  •  इसके अलावा, विभिन्न अरब देशों ने तथा ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (OIC) ने भी फिलिस्तीन के दावे को ही सही माना है और उसे लागू कराने के लिए वैश्विक स्तर पर निरंतर प्रयास किए हैं।

भारत का दृष्टिकोण- 

  • इस संघर्ष के दौरान भारत ने हमेशा फिलिस्तीन का सहयोग किया है। जब कभी भी संयुक्त राष्ट्र संघ में इस संघर्ष से संबंधित विवाद उठा है, तो भारत ने फिलिस्तीन के पक्ष में मतदान किया है।
  • 1992 ईस्वी से पहले भारत के इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं थे। 1992 ईस्वी में पहली बार भारत ने इजरायल के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत की थी।
  • इजरायल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष पर भारत ने हमेशा यह मत व्यक्त किया है कि दोनों देशों को हिंसा का परित्याग करना चाहिए और शांति पूर्ण वार्ता के साथ समस्या का समाधान करने की ओर आगे बढ़ना चाहिए। 
  • दोनों देशों को हिंसा की ओर कदम नहीं बढ़ाने चाहिए और इस परिप्रेक्ष्य में यदि आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है, तो यह संपूर्ण मानवता के लिए सबसे बड़ी विडंबना है।

समाधान-

  • येरुशलम पर किसी एक धार्मिक पक्ष का पूर्ण दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि किसी भी एक पक्ष का पूर्ण दावा स्वीकार करने की स्थिति में दूसरा पक्ष नाराज होगा और वह हिंसा करने की ओर अग्रसर होगा। जो कि न सिर्फ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा होगा, बल्कि यह निर्णय मानवता की दृष्टि से भी उचित नहीं होगा।
  • दोनों पक्षों को ‘ओस्लो शांति समझौते’ में निर्धारित किए गए ‘दो राज्यों के समाधान के सिद्धांत’ को स्वीकार करने पर विचार करना चाहिए ।
  • कुछ लोग सुरक्षाअर्थव्यवस्था और संसाधनों जैसे क्षेत्रों में साझा संस्थानों एवं सहयोग के साथ दो अलग-अलग राज्यों के एक ‘परिसंघ’ (Confederation) का प्रस्ताव करते हैं। यह मॉडल सहयोग बनाए रखते हुए एक हद तक स्वायत्तता प्रदान कर सकता है।
  • इस विकल्प के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय या गठबंधन का प्रस्ताव किया जाता है जो उस अवधि तक इस क्षेत्र की देखरेख और शासन कर सकता है जब तक कि अधिक स्थिर एवं पारस्परिक रूप से सहमत समाधान तक नहीं पहुँचा जा सके। इस दृष्टिकोण की पूर्ति के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता होगी।

प्रश्न- ओस्लो शांति समझौता (1993 ईस्वी) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसके तहत इस विवादित क्षेत्र को दो हिस्सों में विभाजित कर एक हिस्सा फिलिस्तीन को और दूसरा हिस्सा इजरायल को प्रदान किया गया। 
  2. फिलिस्तीन ने इजरायल को एक देश के रूप में आधिकारिक मान्यता प्रदान की।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

प्रश्न- इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के प्रमुख कारण एवं उसके समाधान के उपाय बताएं।

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