New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

इसरो के नए लक्ष्य

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ-

  • 17 अक्टूबर,2023 को भारत की भविष्य की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का रोडमैप निर्धारित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को 2035 तक स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय को उतारने का निर्देश दिया।

मुख्य बिंदु-

  • प्रधानमंत्री ने ‘गगनयान मिशन’ की तैयारियों की समीक्षा की और अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन, 2025 में भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया।
  • श्री मोदी ने ‘गगनयान मिशन की प्रगति’ का आकलन करने और भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए बैठक की अध्यक्षता की। 
  • अंतरिक्ष विभाग (DoS) (जिसके तहत इसरो कार्य करता है) ने गगनयान के लिए तैयारियों और विकसित प्रौद्योगिकियों की स्थिति प्रस्तुत की।
  •  क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट वाहन नामक मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण परीक्षण 21 अक्टूबर,2023 को निर्धारित है।

चंद्रमा और उससे भी आगे का मिशन-

  • पीएमओ के अनुसार, DoS चंद्रमा की खोज के लिए एक रोडमैप बनाएगा, जिसमें चंद्रयान मिशनों की एक श्रृंखला, एक नई पीढ़ी के लॉन्च वाहन का विकास, एक नए लॉन्च पैड का निर्माण, मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना शामिल होगी।
  • श्री मोदी ने वैज्ञानिकों से अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया, जिसमें शुक्र की कक्षा में जाने वाला एक अंतरिक्ष यान और मंगल ग्रह पर उतरने वाला एक यान भी शामिल है।
  • शुक्र की कक्षा में जाने वाले अंतरिक्ष यान के बारे में 2019 के प्रस्ताव में कहा गया था कि इसमें 12 पेलोड होंगे, जिनमें एक थर्मल कैमरा, मास स्पेक्ट्रोमीटर और एक क्लाउड-मॉनिटरिंग कैमरा शामिल होगा।

महंगी योजनाएं-

  • संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान और यूरोपीय एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित और रखरखाव किया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) सबसे बड़ा अंतरिक्ष स्टेशन है, लेकिन बढ़ती लागत और साझेदार देशों के बीच असहमति के कारण 2030 तक इसके बंद होने का उम्मीद है। 
  • चीन का ‘तियांगोंग’ एकमात्र अन्य अंतरिक्ष स्टेशन है, जिसकी क्षमता 6 अंतरिक्ष यात्री सवार की ही है और यह ISS के आकार का लगभग 40% ही है। 
  • एक सतत मानव कार्यक्रम और एक अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना का पहला संकेत 2019 में तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन ने दिया था। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बहुत छोटा होने की संभावना है, जिसे मौजूदा क्रू मॉड्यूल के समान कुछ मॉड्यूल के संयोजन से बनाया गया है. इसका वजन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के 450 टन और चीनी तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के 100 टन की तुलना में केवल 20 टन है। 
  • विशेषज्ञों ने कहा है कि चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन और अंतरिक्ष स्टेशन के लिए बड़े, निरंतर निवेश और निजी क्षेत्र से महत्वपूर्ण योगदान की आवश्यकता होगी। 
  • यद्यपि अमेरिका और रूस से जुड़े अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा मिशन अंतरिक्ष दौड़ का एक उत्पाद थे, जबकि भविष्य के अंतरिक्ष स्टेशनों को एक अलग टेम्पलेट का पालन करने की आवश्यकता होगी. इसके लिए व्यापक परीक्षण की आवश्यकता होगी जिस पर उच्च लागत की संभावना है।
  • अपोलो मिशन को सक्षम करने वाला तकनीकी [जिसने चंद्रमा पर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को उतारा] वर्तमान मानकों पर खरा नहीं उतरेगा। जैसा कि गगनयान मिशन में दिखता है, कि प्रत्येक चरण के लिए कई जमीनी परीक्षण होते हैं और यही चीजें मिशन को महंगा बनाती हैं। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- इसरो के नए लक्ष्यों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसरो द्वारा अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन, 2025 में भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  2. इसरो द्वारा 2035 तक स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर-  (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- इसरो द्वारा स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने, चंद्रमा पर एक भारतीय को उतारने, शुक्र एवं मंगल मिशन के लिए सार्वजानिक- निजी साझेदारी की आवश्यकता पड़ेगी. मूल्यांकन करें।



Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR