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कुलसेकरपट्टिनम: इसरो का दूसरा लॉन्च पोर्ट (Kulasekarapattinam: ISRO’s Second Launch Port)

प्रारंभिक परीक्षा कुलसेकरपट्टिनम
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3    

चर्चा में क्यों

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन  (ISRO) तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के कुलसेकरपट्टिनम में दूसरा स्पेस पोर्ट स्थापित कर रहा है

Kulasekarapattinam

प्रमुख बिंदु 

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दूसरा स्पेस पोर्ट विशेष रूप से निजी क्षेत्र द्वारा विकसित छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों (Small Satellite Launch Vehicles) (SSLVs) के लिए समर्पित होगा।
  • SSLVs  3-चरणीय प्रक्षेपण यान है जो 500 किलोमीटर की कक्षा में लगभग 500 किलोग्राम के उपग्रहों को लॉन्च करने में सक्षम है।
  • इसरो के अनुसार SSLVs की प्रमुख विशेषताओं में  कम लागत, कम टर्नअराउंड समय, कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन, लॉन्च-ऑन-डिमांड व्यवहार्यता और न्यूनतम लॉन्च बुनियादी ढांचे(minimal launch infrastructure) की आवश्यकता होती है।
  • कुलसेकरपट्टिनम में स्पेस पोर्ट के पास एक छोटा अंतरिक्ष विनिर्माण पार्क भी बनेगा।
  • वर्तमान में इसरो के पास एक अंतरिक्ष स्टेशन श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी।
  • इसरो के पास आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में दो लॉन्चपैड हैं, जहां से वह पीएसएलवी और जीएसएलवी लॉन्च करता है।
  • कुलसेकरपट्टिनम तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में एक शहर है। यह पहली शताब्दी ईस्वी का एक प्राचीन बंदरगाह था।
  • यह कोल्लम, चेरन और पांडियन बंदरगाहों के समकालीन था।

अंतरिक्ष केंद्र के रुप में कुलसेकरपट्टिनम का चुनाव क्यों?

1.समुद्र तट का समीप (Proximity to Seashore):

  •  कुलसेकरपट्टिनम की समुद्र के साथ निकटता रॉकेट को ‘सीधे दक्षिण की ओर’ लॉन्च करने के लिये आदर्श स्थान बनाती है।
  • श्रीहरिकोटा से इस तरह के दक्षिण दिशा की ओर लॉन्च संभव नहीं हैं क्योंकि रॉकेटों को श्रीलंका के चारों ओर से उड़ान भरनी होती है।
  • रॉकेट कुलसेकरपट्टिनम से एक सीधे प्रक्षेपवक्र के अनुसार प्रक्षेपित होने में सक्षम होंगे एवं भारी पेलोड ले जाने में सहायक होगा।

2. भूमध्य रेखा से निकटता (Proximity to Equator):

  • कुलसेकरपट्टिनम को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की तरह ही भूमध्य रेखा के निकट होने के कारण एक अंतरिक्ष केंद्र के रूप में चुना गया है।
  • ध्यातव्य है कि रॉकेट लॉन्च केंद्र पूर्वी तट पर और भूमध्य रेखा के पास होना चाहिये।

3. ढुलाई/संचालन में आसानी (Logistical Ease):

  • ISRO का तिरुनेलवेली ज़िले के महेंद्रगिरि में तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre- LPSC) है जहाँ PSLV के लिये दूसरे और चौथे चरण के इंजन को असेंबल किया जाता है।
  • दूसरे और चौथे चरण के इंजन को महेंद्रगिरि से श्रीहरिकोटा ले जाने के बजाय, अगर इन्हें कुलसेकरपट्टिनम में बनाया जाएगा तो उन्हें लॉन्च पैड पर स्थानांतरित करना आसान होगा। 

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कुलसेकरपट्टिनम में दूसरा स्पेसपोर्ट स्थापित कर रहा है
  2.  इसरो के पास एक अंतरिक्ष स्टेशन श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है। इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी।
  3.  कुलसेकरपट्टिनम तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में एक शहर है। यह पहली शताब्दी ईस्वी का एक प्राचीन बंदरगाह था।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

 (a) केवल एक  

(b) केवल दो 

(c) सभी तीन  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : अंतरिक्ष केंद्र क्या होता है? भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के दूसरे स्पेस पोर्ट स्थापित करने के निहितार्थों का विवेचना कीजिए

स्रोत: the hindu

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