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सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिये लैंसेट नागरिक आयोग

(प्रारम्भिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 : स्वास्थ्य)

चर्चा में क्यों ?

भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और प्रत्येक नागरिक के लिये गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हाल ही में, लैंसेट के साथ मिलकर एक पैनल का गठन किया गया है। लैंसेट नागरिक आयोग (Lancet Citizens’ Commission)  नामक इस पैनल का नेतृत्व स्वास्थ्य और व्यापार क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियाँ करेंगी। पैनल का गठन ‘लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशिया इंस्टीट्यूट’ और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के तत्वाधान में किया गया है।

लैंसेट नागरिक आयोग

  • उद्देश्य: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के कार्यान्वयन के लिये सहभागितापूर्ण सार्वजनिक सहभागिता को सुनिश्चित करना।
  • मिशन:

1. एक लचीली स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करने के लिये रोडमैप तैयार करना, जिससे भारत में सभी नागरिकों के लिये व्यापक, जवाबदेह, सुलभ, समावेशी और सस्ती गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
2. सम्पूर्ण भारत में ज़मीनी सर्वेक्षण, सार्वजनिक परामर्श और ऑनलाइन चर्चा के माध्यम से सुझाव आमंत्रित करना।
3. शैक्षणिक संस्थानों, नागरिक समाज और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर विभिन्न स्तर पर संवाद स्थापित करना और ज्ञान साझा करना।

  • फोकस: भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की अवसंरचना पर।
  • सिद्धांत: आयोग को चार सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा :

1. स्वास्थ्य क्षेत्र की सभी समस्याओं को कवर करना।
2. रोकथाम और दीर्घकालिक देखभाल सुधार पर ध्यान देना।
3. वित्तीय सुरक्षा पर ध्यान देना।
4. एक ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण, जो सभी के लिये समान गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित कर सके।

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage - UHC)

  • यू.एच.सी. का अर्थ है कि सभी व्यक्तियों और समुदायों को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के  स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों। इसमें स्वास्थ्य संवर्धन से लेकर रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और उपशामक देखभाल तक आवश्यक, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी शृंखला शामिल है।
  • ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस’ प्रतिवर्ष 12 दिसम्बर को मनाया जाता है।
  • इसका उद्देश्य देश के किसी भी नागरिक की आय के स्तर, सामाजिक स्थिति, लिंग, जाति या धर्म की बात किये बिना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करना है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्वभर में लगभग एक अरब लोग आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसके अलावा, लगभग एक सौ पचास मिलियन लोग प्रतिवर्ष स्वास्थ्य देखभाल की वजह से होने वाले खर्चों के कारण वित्तीय संकट का सामना करते हैं तथा लगभग सौ मिलियन लोग स्वास्थ्य भुगतान के परिणामस्वरूप गरीबी रेखा के नीचे भी पहुँच जाते हैं।

भारत में यू.एच.सी. के सूत्रीकरण के लिये दस सिद्धांतों को निर्देशित किया गया है:

1. सार्वभौमिकता। 
2. समानता। 
3. बहिष्कार एवं भेदभाव का उन्मूलन। 
4. तर्कसंगत एवं गुणवत्तापूर्ण व्यापक देखभाल। 
5. वित्तीय सुरक्षा। 
6. रोगियों के अधिकारों का संरक्षण। 
7. मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये प्रावधान। 
8. उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता। 
9. समुदाय की भागीदारी। 
10. स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुँच।

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लाभ:

  • बड़ी संख्या में लोगों के स्वास्थ्य में सुधार। 
  • कुशल, उत्तरदायी एवं पारदर्शी स्वास्थ्य प्रणाली। 
  • गरीबी में कमी। 
  • अधिक उत्पादकता। 
  • नौकरियों में बढ़ोतरी। 
  • वित्तीय सुरक्षा। 
  • अधिक समानता।
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