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मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च(MAHIR)

प्रारंभिक परीक्षा - मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3  - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय, बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा घोषणा की गयी, कि विद्युत क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च (MAHIR) लॉन्च किया जाएगा।

मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च

  • इस मिशन को विद्युत मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया जायेगा।
  • इसे ऊर्जा मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के वित्तीय संसाधनों को पूल करके वित्त पोषित किया जाएगा। 
  • इस मिशन की अवधि वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 है। 

मिशन के उद्देश्य

  • वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और भविष्य के प्रासंगिक क्षेत्रों की पहचान करना और उसके अनुरूप प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को शुरू करना।
  • सामूहिक विचार-मंथन, सहक्रियात्मक प्रौद्योगिकी विकास और प्रौद्योगिकी का सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित करने हेतु विद्युत क्षेत्र के हितधारकों को एक मंच प्रदान करना।
  • स्वदेशी प्रौद्योगिकियों (विशेष रूप से भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा विकसित) की पायलट परियोजनाओं और उनके व्यावसायीकरण की सुविधा का समर्थन करना।
  • उन्नत प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए विदेशी गठजोड़ और द्विपक्षीय या बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना।
  • देश के विद्युत क्षेत्र में जीवंत और नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।
  • विद्युत प्रणाली से संबंधित प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के विकास में भारत को अग्रणी देशों में शामिल करना।

अनुसंधान के लिए चिन्हित क्षेत्र

  • मिशन के तहत अनुसंधान के लिए निम्नलिखित आठ क्षेत्रों की पहचान की गई है –
  1. लिथियम-आयन स्टोरेज बैटरी के विकल्प
  2. भारतीय खाना पकाने के तरीकों के अनुरूप इलेक्ट्रिक कुकर / पैन को संशोधित करना
  3. गतिशीलता के लिए ग्रीन हाइड्रोजन (उच्च दक्षता ईंधन सेल)
  4. कार्बन अवशोषण
  5. भू-तापीय ऊर्जा
  6. ठोस अवस्था प्रशीतन
  7. इलेक्ट्रिक वाहन(EV) बैटरी के लिए नैनो तकनीक
  8. स्वदेशी Cold Rolled Grain Oriented (CRGO) तकनीक

मिशन की संरचना

  • मिशन की दो स्तरीय संरचना होगी - एक तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति और एक शीर्ष समिति।
  • केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली टेक्निकल स्कोपिंग कमेटी (TSC) विश्व स्तर पर अनुसंधान के चल रहे और उभरते क्षेत्रों का सर्वेक्षण और पहचान करेगी और शीर्ष समिति को सिफारिशें देगी। 
  • TSC उन संभावित तकनीकों की भी पहचान करेगी जिन पर मिशन के तहत विकास के लिए विचार किया जा सकता है।
  • केंद्रीय विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति, विकसित की जाने वाली प्रौद्योगिकी और उत्पादों पर विचार-विमर्श करेगी और अनुसंधान प्रस्तावों को मंजूरी देगी। 
    • यह शीर्ष समिति अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भी कार्य करेगी।
  • सभी अनुसंधान प्रस्तावों/परियोजनाओं का अंतिम अनुमोदन शीर्ष समिति द्वारा किया जाएगा। 

मिशन का महत्व 

  • यह मिशन भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की पायलट परियोजनाओं को भी वित्तपोषित करेगा तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के माध्यम से उनके व्यावसायीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। 
  • मिशन उभरती प्रौद्योगिकियों की पहचान करके और उनका कार्यान्वयन करके, भारत को दुनिया के एक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करेगा।
  • यह मिशन नेट ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
  • यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने में भी योगदान देगा।
  • MAHIR मिशन बिजली क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान के लिए उद्योग-शिक्षा-सरकार सहयोग की दिशा में कार्य करेगा। 
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