क्लिक केमिस्ट्री शब्द वर्ष 2001 में केबी शार्पलेस ने प्रस्तुत किया था। इसका प्रयोग उन अभिक्रियाओं का वर्णन करने के लिये किया जाता है जिनमें अधिक मात्रा में केवल उप-उत्पाद निर्मित होते हैं तथा जिन्हें क्रोमैटोग्राफी के बिना हटाया जा सकता है।
यह दवा सदृश्य अणुओं के संश्लेषण के लिये एक नया दृष्टिकोण है जो कुछ व्यावहारिक और विश्वसनीय अभिक्रियाओं का उपयोग करके दवा की खोज प्रक्रिया को तीव्र कर सकता है। वर्तमान में इसका उपयोग जीवित जीवों में किया जाता है तथा यह जीव कोशिकाओं की सामान्य रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बाधित नहीं करता है।
क्लिक केमिस्ट्री का उपयोग फार्मास्यूटिकल्स के विकास में डी.एन.ए. मैपिंग तथा अधिक उपयुक्त सामग्री बनाने के उद्देश्य से किया जाता है। बायोऑर्थोगोनल अभिक्रियाओं का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने कैंसर फार्मास्यूटिकल्स के लक्ष्यीकरण में सुधार किया है।