सिंध, पाकिस्तान के दक्षिणी-पूर्वी भाग (सिंधु नदी बेसिन) में स्थित सिंधी बाहुल्य क्षेत्र है। इसके पूर्व में थार का मरुस्थल, पश्चिम में बलूची क्षेत्र, उत्तर में पंजाब प्रांत (पाकिस्तान) तथा दक्षिण में अरब सागर स्थित है। इसकी राजधानी कराची है। क्षेत्रफल के आधार पर यह पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा प्रांत है।
महाभारत काल में इसे सिंधु देश कहा जाता था। सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदडो, आमरी, कोटदीजी आदि स्थल इसी प्रांत में अवस्थित हैं।
पाकिस्तान के निर्माण के बाद से ही इस प्रांत में पृथक देश की माँग शुरू हो गई थी। पाकिस्तान सरकार द्वारा इस क्षेत्र के लोंगों पर उर्दू थोपे जाने के कारण वर्ष 1967 में जी.एम सैय्यद तथा पीर अली मुहम्मद राशिद के नेतृत्व में स्वतंत्र सिंधु देश की माँग उठाई गई थी। हाल ही में (17 जनवरी, 2021 को) जी.एम सैद की 117वीं जयंती मनाई गई।
वर्ष 1972 में सिंधी भाषा भाषियों द्वारा सिंधु देश नाम से एक पृथक देश बनाए जाने के लिये आंदोलन किया गया। यह आंदोलन बांग्ला भाषा आंदोलन से प्रेरित था। इसके लिये अभी भी पाकिस्तान में कई संगठन जैसे- सिंधु देश लिबरेशन आर्मी, सिंध राष्ट्रीय आंदोलन दल तथा जय सिंध विद्यार्थी फेडरेशन आदि सक्रिय हैं। ध्यातव्य है कि विश्व सिंधी कांग्रेस–अनरिप्रजेंटेड नेशन एंड पीपुल्स आर्गेनाइज़ेशन (UNPO) का भी सदस्य है।